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जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की सीबीएससी मान्यता रद्द, वीडियो में देखें छात्रा की मौत के बाद सुरक्षा उल्लंघन का मामला गंभीर

 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की मान्यता (संबद्धता) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। यह कठोर कदम स्कूल में छात्र सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और हाल ही में हुई एक त्रासदीपूर्ण घटना के बाद उठाया गया है।

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घटना 1 नवंबर की है, जब स्कूल की क्लास 4 में पढ़ने वाली 9 साल की छात्रा अमायरा ने स्कूल के चौथे फ्लोर से कूदकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने न केवल जयपुर शहर को झकझोर कर रख दिया, बल्कि देशभर में शैक्षणिक संस्थानों में छात्र सुरक्षा और बुलिंग जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए।

सीबीएससी ने स्पष्ट किया है कि स्कूल में सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और ऐसे असुरक्षित माहौल में बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजना स्वीकार्य नहीं है। बोर्ड ने इस मामले की जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में स्कूल में हो रही लगातार बुलिंग और छात्राओं की सुरक्षा में चूक की पुष्टि की।

रिपोर्ट के अनुसार, अमायरा लगातार बुलिंग का शिकार हो रही थी। छात्रा के पेरेंट्स ने डेढ़ साल के भीतर तीन से अधिक बार शिक्षकों और कोऑर्डिनेटरों से बुलिंग की शिकायत की थी। इसके बावजूद स्कूल की एंटी-बुलिंग कमेटी ने पेरेंट्स की शिकायत पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।

अमायरा की मौत से पहले के अंतिम 45 मिनटों में वह पांच बार अपनी क्लास टीचर से मदद मांगने गई थी, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। कमेटी की रिपोर्ट ने इस मामले में स्कूल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रा को उचित मानसिक और भावनात्मक सहायता नहीं दी गई, जिससे यह अत्यंत दुखद घटना हुई।

सीबीएससी ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे माहौल में बच्चों का भविष्य खतरे में है और बोर्ड की प्राथमिक जिम्मेदारी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बोर्ड ने स्कूल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए इसकी संबद्धता रद्द कर दी, ताकि बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित शिक्षा का वातावरण मिल सके।

यह घटना शिक्षा संस्थानों में बुलिंग, मानसिक दबाव और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के गंभीर परिणामों की याद दिलाती है। उन्होंने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों पर बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सख्त जरूरत पर जोर दिया।

पेरेंट्स ने भी इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि उन्हें लंबे समय से स्कूल में अमायरा की सुरक्षा और बुलिंग के मामलों में अनदेखी का सामना करना पड़ा, और अब CBSE के इस कदम से उम्मीद है कि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इस घटना ने पूरे देश में स्कूलों में सुरक्षा और छात्र कल्याण के मानकों पर बहस को तेज कर दिया है। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूलों में ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिए, जो बुलिंग और उत्पीड़न जैसी घटनाओं को रोकें और बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करें।