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राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव की बहाली को लेकर आंदोलन तेज, छात्रों में बढ़ता आक्रोश

 

पिछले दो वर्षों से राजस्थान के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं हो पाने के कारण छात्रों में भारी नाराजगी है। अब यह नाराजगी आंदोलन का रूप ले चुकी है। प्रदेशभर में विभिन्न छात्र संगठनों ने चुनाव की बहाली की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय से लेकर कोटा, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

छात्रों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र की पहली पाठशाला होते हैं, जो युवाओं को राजनीति और नेतृत्व कौशल का प्रशिक्षण देते हैं। लेकिन सरकार इन चुनावों को लगातार टालती रही है। आंदोलन कर रहे छात्रों का आरोप है कि राज्य सरकार युवाओं की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है। कुछ संगठनों ने इसे छात्रों के संवैधानिक अधिकार का हनन बताया है।

जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने सांकेतिक धरना शुरू कर दिया है। NSUI, ABVP, SFI, AISF जैसे संगठनों के छात्र नेताओं ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि यदि शीघ्र चुनाव की घोषणा नहीं हुई, तो यह आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।

उधर, जोधपुर में छात्रों ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक व धार्मिक पात्रों के वेश में रैली निकाली और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यह रचनात्मक विरोध पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कोटा में कोचिंग हब के छात्रों ने भी समर्थन में पोस्टर जारी किए हैं। छात्रों का कहना है कि शिक्षा के साथ-साथ लोकतांत्रिक हिस्सेदारी भी आवश्यक है।

इस बीच, शिक्षा विभाग ने छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेने की बात कही है, लेकिन अभी तक चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट तिथि घोषित नहीं की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रसंघ चुनावों के ज़रिए ही प्रदेश को भविष्य के नेताओं की एक मजबूत पीढ़ी मिलती है। यदि इन्हें बार-बार रोका जाएगा तो युवाओं का लोकतंत्र से भरोसा उठ सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि छात्रसंघ चुनावों का सीधा असर आने वाले विधानसभा चुनावों में युवाओं की भागीदारी और रुझानों पर भी पड़ सकता है।

अब देखना यह है कि सरकार छात्रों की इस मांग पर कब तक ठोस कदम उठाती है। फिलहाल तो प्रदेश के शैक्षणिक परिसरों में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर आंदोलन और तेज होता जा रहा है।