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अजमेर रोड पर जेसीबी गोदाम में भीषण आग, एक साल बाद फिर दहशत का माहौल

 

अजमेर रोड पर सोमवार शाम एक बार फिर दहशत का मंजर देखने को मिला। डीपीएस कट के पास स्थित जेसीबी गोदाम में लगभग साढ़े पांच बजे आग लग गई। गोदाम में ऑयल पाइप लाइन पर वेल्डिंग करते समय अचानक आग भड़क उठी, जिसने कुछ ही मिनटों में विकराल रूप ले लिया।

आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि आसपास के इलाके में रहने वाले लोग दहशत में आ गए। गोदाम के कर्मचारी और स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए आगे आए। उन्होंने बाल्टी, पाइपलाइन और आसपास के संसाधनों का उपयोग कर आग को काबू में लाने का प्रयास किया। वहीं, फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर तुरंत पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया।

आग लगने के समय गोदाम में भारी मशीनरी और तेल के स्टॉक मौजूद थे, जिससे आग का विकराल रूप और बढ़ गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन गोदाम और उसमें रखे सामान को काफी नुकसान हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने का प्रारंभिक कारण वेल्डिंग के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन न होना बताया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक साल में यह दूसरी बार है जब अजमेर रोड पर किसी गोदाम में भीषण आग लगी है। इसके कारण इलाके में सुरक्षा और बचाव व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। फायर ब्रिगेड ने इस घटना के बाद आग लगने की संभावित परिस्थितियों को लेकर व्यापक जांच शुरू कर दी है।

जिला प्रशासन ने कहा कि आग लगने की घटना ने आग से बचाव के उपायों और सुरक्षा मानकों की अहमियत को फिर से स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने सभी गोदामों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को आग सुरक्षा उपायों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों और आग से बचाव उपायों का सख्ती से पालन होना चाहिए। वेल्डिंग, ऑयल पाइपलाइन और अन्य संवेदनशील कामों के दौरान सुरक्षा गियर, आग बुझाने के उपकरण और सतर्कता अनिवार्य हैं।

आग लगने के समय आसपास के लोग भी मदद के लिए आगे आए, जिससे आग को फैलने से कुछ हद तक रोका जा सका। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और फायर ब्रिगेड के सहयोग की सराहना की है।

जयपुर में अजमेर रोड पर सोमवार की शाम को हुई यह घटना एक बार फिर शहरवासियों और प्रशासन को आग सुरक्षा और औद्योगिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की चेतावनी देती है। अधिकारियों ने कहा कि गोदाम मालिकों और कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।