Indore प्रदेश में किताबों का सबसे बड़ा मार्केट है खजूरी बाजार, करीब 150 करोड़ का है सालाना टर्नओवर इंदौर ज्ञानदान में भी अव्वल, किताबों के पन्नों से विद्यार्थी गढ़ रहे सुनहरा भविष्य
मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, स्वच्छता समेत कई मामलों में अव्वल इंदौर का खजूरी बाजार प्रदेश का सबसे बड़ा किताब मार्केट भी है. खास बात यह है कि होलकर कालीन इस बाजार ने देश को कई नामी पब्लिशर्स दिए हैं.
डिजिटल दौर में नई-पुरानी किताबों के इस बाजार का सालाना टर्नओवर 150 करोड के आसपास है. इंदौर में अपना भविष्य गढ़ने वाले 80 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी संस्थानों के नोट्स और ऑनलाइन पढ़ाई को छोड़कर यहां की किताबों पर भरोसा करते हैं. पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता संघ के अध्यक्ष यश भूषण जैन कहते हैं कि चिल्ड्रन्स, हायर सेकंडरी, उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के नामी प्रकाशक इंदौर में हैं. कई नामी किताबें ऐसी हैं, जिन्हें किसी विद्यार्थी ने न पढ़ा हो. इंदौर में 70 से अधिक प्रकाशक हैं, जो सरल भाषा शैली की सिलेबस की किताबें प्रकाशित करते हैं. इंदौर की किताबों पर विद्यार्थियों का वर्षों से भरोसा है.
(नोट: आंकड़े दुकानदारों व प्रकाशकों के अनुसार)
150 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार.
70 से अधिक पब्लिशर्स इंदौर में.
200 से ज्यादा दुकानें हैं खजूरी बाजार में.
छात्रों को फायदा, पुरानी किताबों की भी बिक्री
70 से ज्यादा प्रकाशक होने पर इंदौर से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को फायदा होता है. अन्य शहरों के मुकाबले यहां 15 से 20 प्रतिशत सस्ती किताबें मिलती हैं. नई किताबों के अलावा पुरानी किताबें भी इसी बाजार में उपलब्ध हैं. पुरानी किताबों की खरीद-बिक्री भी बड़ी संख्या में होती है.
डिजिटल दौर में भी क्रेज कम नहीं
जैन कहते हैं, कोरोना में ऑनलाइन क्लास का पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. अब ऑफलाइन का दौर फिर आ गया है. शैक्षणिक संस्थान का ऑनलाइन स्टडी मटेरियल और नोट्स से ज्यादा किताबों पर ही फोकस है. आज भी 80 प्रतिशत विद्यार्थी हमारी किताबों से ही भविष्य गढ़ने में विश्वास रखते हैं.
चुनावी साल में प्रतियोगी परीक्षाओं की लगी झड़ी
पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता संघ के सचिव नीलेश जैन ने बताया, अलग-अलग श्रेणी के किताबों की बिक्री का समय भी अलग होता है. जून-जुलाई में स्कूली किताबों की बिक्री होती है, वहीं उच्च शिक्षा की किताबों की डिमांड सालभर रहती है. भर्ती निकलने पर प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित किताबें ज्यादा बिकती हैं. इस साल पुलिस, पीएससी, सहायक प्राध्यापक, पटवारी, जेल, महिला बाल विकास विभाग और शिक्षक वर्गों की परीक्षा होनी हैं. कोरोना के बाद प्रतियोगी परीक्षा की किताबों की डिमांड है.
इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!