Indore मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है धर्म: विमल सागर स्वर्ण दीक्षा जयंती पर जाप का हुआ अनुष्ठान
मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, जीवन को सार्थक बनाने के लिए हमें धर्म के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ना होगा, तभी हम मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं. भगवान के बताए मार्ग हमें मोक्ष की ओर ले जाते हैं. अगर मनुष्य भगवान महावीर स्वामी के बताए मार्ग पर चलना सीख ले तो वह कभी पाप की तरफ नहीं जा सकता.
यह विचार मुनि विमलसागर महाराज ने तुलसी नगर में जारी 7 दिनी पंच कल्याणक महोत्सव में जन्म कल्याणक का महत्व बताते हुए व्यक्त किए. उन्होंने कहा, पांच मुख्य घटनाएं हैं, जो सभी तीर्थंकरों के जीवन में घटित होती हैं. यह 5 कल्याणक हैं. गर्भ कल्याणक, जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है. जन्म कल्याणक, जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है. तप या दीक्षा कल्याणक, जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते हैं. केवल ज्ञान कल्याणक, जब तीर्थंकर को कैवल्य की प्राप्ति होती है. मोक्ष कल्याणक, जब भगवान शरीर का त्याग कर अर्थात सभी कर्म नष्ट कर निर्वाण मोक्ष को प्राप्त करते हैं.
वर्धमान श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रमण महासती डॉ. पुनीत ज्योति महाराज के संयम दीक्षा के 50 वर्ष पूरे होने पर पेसठिया यंत्र का जोड़े के जाप का अनुष्ठान किया गया. यह आयोजन महावीर भवन इमली बाजार पर संपन्न हुआ. ट्रस्ट के प्रकाश भटेवरा ने बताया कि जाप अनुष्ठान में लगभग 451 जोड़ों ने सम्मलित हुए.
इस दौरान राजेश मुनि महाराज ने जाप का महत्व बताते हुए कहा कि जप करने से मन, वचन, काया की शुद्धि के साथ ही आत्मा पवित्र होती हैं. राजकुमार जैन ने बताया कि जाप करने वाले भाई-बहनों को जगदीश कांता पोरवाल व पुष्पा बेन खाबिया की ओर से प्रभावना वितरित की गई. जयंती समारोह पर गुणानुवाद सभा सुबह 9 बजे से होगी.
स्वाध्याय के संदेश को करें आत्मसात
साधु जीवन अंगीकार कर 71 वर्ष तक सामायिक और स्वाध्याय की प्रेरणा देकर भगवान महावीर के सिद्धांतों को जन जन तक पहुंचाने वाले आचार्य हस्तीमल महाराज अपने ज्ञान, दर्शन और चारित्र के द्वारा अपने जीवन को महान बनाते हैं. ऐसे में हमें उनके बताएं मार्ग को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए. यह बात इमली बाजार में श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट, मप्र जैन स्वाध्याय संघ व महावीर जैन स्वाध्याय शाला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इतिहास मार्तण्ड आचार्य हस्तीमल महाराज के 32वें पूण्य स्मरण दिवस पर कहीं.
गाजे-बाजे संग निकाली शोभायात्रा
दिगंबर जैन मंदिर परिसर स्थित मैदान स्थल में जन्म कल्याणक मनाया गया. भगवान का जन्म होते ही पूरा पंडाल खुशियों से झूम उठा. तुलसी नगर के आसपास के क्षेत्रों में श्रीजी की शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई.
संयमधारियों को ही मिलती है पिच्छिका
अभिषेक जैन ने बताया, आचार्य की पिच्छिकाएं संयमधारी श्रावकों को ही प्राप्त होती हैं. इस अवसर पर दयोदय ट्रस्ट रेवती रेंज के सभी पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में श्रावकों के साथ उदासीन आश्रम की बहनें उपस्थित रही. यह पहला मौका था जब आचार्य विद्यासागर द्वारा दी गई आज तक की सभी पिच्छिकाओं को पाने वाले श्रावकगण एक स्थान पर मौजूद रहे. मुनि विमल सागर महाराज, धर्म सागर महाराज, अनंत सागर महाराज और भाव सागर महाराज व प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया, नितिन भैया के सानिध्य में जैन गौरव समागम कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें आचार्य विद्यासागर महाराज की पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने वाले समाजसेवियों का इस अवसर पर सम्मान भी किया गया. आचार्य द्वारा जिन श्रावकों को पिच्छिकाएं प्रदान की गईं.
इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!