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हिसार में 90 गांवों में फसलें डूबी, सिंचाई विभाग जल निकासी में जुटा

 

जिले के 90 गांवों में अब भी करीब 44,970 एकड़ फसलें पानी में डूबी हुई हैं। सिंचाई विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इन गांवों में औसतन 3.5 फीट तक पानी भरा हुआ है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सिंचाई विभाग, पंचायत विभाग और पीडब्ल्यूडी के करीब 350 पंपों के जरिए पानी निकालने का काम लगातार कर रहे हैं।

अधिकारी बता रहे हैं कि अगर इसी क्षमता और गति से जल निकासी का काम जारी रहा, तो 30 सितंबर तक पानी पूरी तरह निकाला जा सकेगा। सबसे अधिक जलभराव बरवाला उपमंडल के 26 गांवों में देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में खेतों और सड़क मार्गों पर पानी की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

प्रदेश सरकार ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिया है कि जल निकासी का काम हर हाल में 1 अक्टूबर से पहले पूरा किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को रोजाना की प्रगति रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट करनी होगी, ताकि सरकारी निगरानी और जल निकासी की गति का पूरा विवरण उपलब्ध हो।

सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंपों के जरिए जल निकासी का काम रात-दिन जारी है। विभाग की टीमें लगातार गांवों में निगरानी कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि जलभराव से फसल और सड़कें बर्बाद न हों। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसानों को राहत देने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है।

स्थानीय किसानों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और नदियों के पानी के कारण फसलें डूबी हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि जल निकासी के साथ-साथ आवश्यक बाढ़ राहत और आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए।

विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में पानी की निकासी का काम समय पर पूरा होने से किसानों की फसलों को बड़ी हानि से बचाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जलभराव के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए प्रशासन और विभागों को सतत निगरानी और योजना के साथ काम करना होगा।

पंचायत विभाग और सिंचाई विभाग ने मिलकर प्रभावित गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाया है। उन्होंने ग्रामीणों को सुरक्षित मार्ग और राहत केंद्रों की जानकारी दी। इसके अलावा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि पंपों की क्षमता और तकनीकी उपकरणों का सही इस्तेमाल हो, ताकि जल निकासी का काम तेजी से पूरा किया जा सके।