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Gorakhpur एक साल में 3 से बढ़कर  लाख हो गया कर्ज

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  सहजनवा के तीतनापार गांव में  की रात कर्ज में डूबे रामानंद ने  पत्नी और चार बच्चों के साथ जहर खा लिया. एक ही परिवार के छह लोगों के जहर खाने की सूचना जब गांव में फैली तो कोहराम मच गया. आनन-फानन में अन्य भाइयों ने सभी को अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं गांव के लोग भी इस घटना से सन्न रह गए. पहले तो किसी को समझ में नहीं आया कि यह क्या हो गया हालांकि बाद में धीरे-धीरे कर्ज की वजह से आत्महत्या के प्रयास की बात आई.

रामानंद की बहन ने बताया कि उसका भाई ट्रैक्टर ड्राइवर है. कुछ दिन पहले उसने मुर्गी फार्म किराए पर लेकर चलवाना शुरू किया था. मुर्गी फार्म के लिए उसने कर्ज लिया था. कर्ज में डूबे होने के कारण उसने परिवार सहित जहर खा लिया. उधर, पुलिस से पूछताछ में रामानंद ने बताया कि जमीन बेचने को लेकर पत्नी नाराज थी. कहीं से पैसे का इंतजाम नहीं हो रहा था. पत्नी की नाराजगी और उसके बाद विवाद होने के बाद बच्चों के साथ हम सभी ने जहर खा लिया.

रामानंद के एक भाई ने बताया कि भीटी के रहने वाले एक यादव परिवार से उसने मुर्गी फार्म खोलने को एक वर्ष पहले तीन लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जो बढ़ते-बढ़ते अब  लाख हो गया. रुपये मांगने पर मानसिक दबाव बढ़ने लगा और इसके लिए उसे अपनी पांच डिसमिल जमीन भी बेचनी पड़ी. फिर भी कर्ज से राहत नहीं मिली. आखिरकार उसने परिवार समेत चटनी में चूहा मारने की दवा मिलाकर खुद और पत्नी व बच्चों को खिला दिया.

एक साल से पैसा भेजना बंद कर दिया था भाइयों ने: रामानंद अपने चार भाइयों में दूसरे नंबर का है. बड़े भाई ने ट्रैक्टर लिया था. उसी को रामानंद चला रहा था. लोगों ने बताया कि शिवानंद व उससे छोटे भाई को पढ़ाया-लिखाया. फिर दोनों छोटे भाई मुम्बई में कमाने लगे. पहले संबंध अच्छे थे. दोनों भाई पैसा भेजते थे पर एक साल से दोनों ने पैसा भेजना बन्द कर दिया.

 

 

गोरखपुर न्यूज़ डेस्क