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Gaya  बिहार के किसानों ने पैक्सों को कम बेचे गेहूं, गेहूं खरीद को बचे एक सप्ताह, अभी तक सिर्फ 548 मीट्रिक टन खरी
 

 

बिहार न्यूज़ डेस्क बिहार के किसानों ने पैक्सों और व्यापार मंडलों को गेहूं नहीं बेचा. गेहूं खरीद के आंकड़े यह सच्चाई बयां कर रहे हैं. सहकारिता और खाद्य आपूर्ति के प्रयासों के बाद भी 223 किसानों ने सिर्फ 548 मीट्रिक टन ही गेहूं बेचा है.
अभी एक सप्ताह और खरीद प्रक्रिया चलनी है. इस वर्ष गेहूं खरीद का लक्ष्य दस लाख मीट्रिक टन रखा गया है. खरीद की प्रक्रिया 20 अप्रैल से 31 तक चलनी है. इसके लिए 4189 पैक्सों और व्यापार मंडलों पर बिक्री केंद्र बनाए गए. खरीद शुरू होने के दिन से ही किसान पैक्सों और व्यापार मंडलों को गेहूं बेचने के प्रति उदासीन दिखे. दरअसल, गेहूं का समर्थन मूल्य और बाजार भाव में ज्यादा अंतर नहीं था. इस वर्ष समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया. वहीं, व्यापारी भी 2200 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दे रहे थे. ऐसे में किसानों को कहीं भटकना नहीं पड़ा. कागजी प्रक्रिया भी नहीं करनी पड़ी. व्यापारी खेत-खलिहान जाकर गेहूं खरीद रहे थे. यही कारण है कि किसानों ने पैक्सों और व्यापार मंडलों की बजाए व्यापारियों को ही गेहूं बेच दिया. सबसे ज्यादा सहरसा के किसानों ने 158 मीट्रिक टन गेहूं बेचा. उसके बाद वैशाली के किसानों ने 42 मीट्रिक टन और अरवल के किसानों ने 39

मीट्रिक टन गेहूं बेचा.
18 जिले में पांच एमटी से भी कम हुई है खरीद
पूरे राज्य में गेहूं खरीद की प्रक्रिया धीमी रही. जिलों के आंकड़ों को देखा जाए तो 18 जिले ऐसे हैं जहां पांच एमटी से भी कम खरीद हो पाई है. खगड़िया में 0.1 एमटी, मधेपुरा में 0.5 मीट्रिक टन और बांका में 0.7 मीट्रिक टन ही गेहूं पैक्सों तक पहुंच पाया है. जहां सबसे कम गेहूं खरीदा गया है उसमें अररिया, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण, सीवान, शेखपुरा शामिल है.
पिछले वर्ष से खराब स्थिति
पिछले वर्ष भी गेहूं खरीद कम हुई थी. तब 641 किसान पैक्स व व्यापार मंडल तक पहुंचे थे. इन किसानों ने 3519 मीट्रिक टन गेहूं बेचा था. इस बार पिछले वर्ष की तुलना में भी कम खरीद हुई है.
किसान इसलिए पैक्सों के पास नहीं गए क्योंकि बाजार में भाव ज्यादा मिला. समर्थन मूल्य व बाजार मूल्य एक होने पर बोनस दिया जाता रहा है. इस बार नहीं दिया गया.
- रितेश कुमार, अध्यक्ष, पाटलिपुत्रा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक


गया न्यूज़ डेस्क