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Gaya  आमस में नदी, खेत व धान के बिचड़े सब सूखे की मार झेल रहे
 

 


बिहार न्यूज़ डेस्क धान के बीज बोने के नक्षत्र निकल रहे हैं। बारिश के लिए किसानों की नजर आसमान की ओर है। बादल भी बरस रहे हैं। लेकिन बारिश नहीं होने से किसान मायूस हैं। बारिश नहीं होने के कारण प्रखंड क्षेत्र में पचास प्रतिशत धान की बुवाई भी नहीं हो पाई है. कुछ किसानों ने मोटर पंप की मदद से धान को खेतों में फेंक दिया है. लेकिन उसे बचाना मुश्किल हो रहा है।

बारिश पर निर्भर है यहां की सिंचाई व्यवस्था : नौ पंचायतों वाले इस प्रखंड में सिंचाई व्यवस्था भगवान भरोसे है. महुआवां, अकौना एवं कलवन पंचायतों में ऊपरी मोरहर नहर से सिंचाई की जाती है। लेकिन बारिश होने पर ही मोरा नदी में पानी आता है। वर्तमान में यह नदी स्वयं शुष्क है। वहीं आमस, करमडीह, सावं, बड़की चिल्मी, रामपुर, झरी पंचायत में सिंचाई बारिश पर निर्भर है. समय पर वर्षा नहीं होने पर इन पंचायतों के किसानों को सूखे का सामना करना पड़ता है।

गया न्यूज़ डेस्क