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Durg ध्वज के रूप में अयप्पा स्वामी ने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाया, जुलूस के बाद उन्हें गर्भगृह में विराजमान किया गया।

 

छत्तीसगढ़ न्यूज़ डेस्क, सेक्टर-2 अयप्पा मंदिर में दस दिनों तक चले धर्मशास्ता महोत्सव का समापन शुक्रवार को आराट पूजा के साथ हुआ। दिनभर सबरीमला मंदिर की तर्ज पर परंपराए पूरी कर देर रात मंदिर के स्तंभ से ध्वज को उतारा गया, जिसे महोत्सव के पहले दिन चढ़ाया गया था। यह ध्वज अयप्पा स्वामी का प्रतीक माना जाता है। मान्यता के अनुसार ध्वज के रूप में भगवान अयप्पा स्वामी 10 दिनों तक शहर, गांव, कस्बे पर दृष्टि रखते हुए भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। क्षेत्र में हमेशा सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।

इससे पहले भगवान अयप्पा स्वामी को मंदिर परिसर में बने कुंड में स्नान करवाया गया। वहीं से भक्तों ने उन्हें पालकी में विराजमान कर आसपास भ्रमण कराया। आखिर में ध्वज उतारने के बाद महाआरती और पूजा के साथ महोत्सव का समापन किया गया। 10 दिनों तक सभी पूजा व परंपराएं केरल से पहुंचे ब्रह्मश्री उन्नीकृष्णन नंबोदरी के नेतृत्व में पूरी की गईं।

मंदिर में ही भोजन तैयार कर आश्रमों में दान महोत्सव पर अयप्पा सेवा संघम और मलयाली समाज ने दान, धर्म की परंपरा भी निभाई। शुक्रवार को मंदिर परिसर में ही भोजन तैयार कर सेक्टर-2 सहित शहर के विभिन्न आश्रमों व संस्थानों में जरूरतमंदों को भोजन बांटा गया। उनकी सेवा की। मंदिर में भक्तों को भोजन कराया।


दुर्ग न्यूज़ डेस्क !!!