डूंगरपुर में फर्जी डॉक्टर का क्लीनिक पकड़ा गया, 9 बेड और अवैध दवाइयों के साथ चल रहा था इलाज का गोरखधंधा
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रगति नगर क्षेत्र में चल रहे एक अवैध क्लीनिक का भंडाफोड़ किया है। यह क्लीनिक बिना किसी लाइसेंस और वैध अनुमति के वर्षों से संचालित हो रहा था। कार्रवाई के दौरान क्लीनिक में अवैध रूप से लगाए गए 9 बेड, बिना अनुमति की प्राइवेट लैब और भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां जब्त की गईं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रवि क्लीनिक नामक इस फर्जी अस्पताल पर छापेमारी की। यह क्लीनिक एक आवासीय मकान में दो कमरों में संचालित किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान वहां मरीजों का इलाज होता मिला, और उन्हें ड्रिप व अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं दी जा रही थीं। यह सभी गतिविधियां बिना किसी चिकित्सकीय योग्यता और अनुमति के चलाई जा रही थीं।
छापे के दौरान खुद को डॉक्टर बताने वाले भरत खत्री से जब दस्तावेज मांगे गए तो वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित 16 बुनियादी मानकों में से किसी एक का भी वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। क्लीनिक में इलाज के साथ-साथ एक निजी पैथोलॉजी लैब भी चलाई जा रही थी, जिसकी भी कोई अधिकृत मंजूरी नहीं थी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके से कई प्रतिबंधित दवाइयां, इंजेक्शन, दवाओं की रसीदें और मरीजों के रिकॉर्ड मिले हैं। टीम ने इन सभी सामग्रियों को जब्त कर लिया है और भरत खत्री के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग ने स्पष्ट किया कि इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध इलाज का नहीं, बल्कि मरीजों की जान के साथ गंभीर खिलवाड़ का है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इलाज के लिए केवल पंजीकृत और प्रमाणित चिकित्सकों से ही संपर्क करें।
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई के बाद काफी चर्चा है। बताया जा रहा है कि भरत खत्री पिछले कई वर्षों से इस इलाके में डॉक्टर के रूप में खुद को प्रस्तुत कर रहा था और गरीब व ग्रामीण मरीजों को निशाना बना रहा था। फिलहाल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जांच जारी है, और अन्य ऐसे फर्जी क्लीनिकों की तलाश की जा रही है।