Dehradun परंपरागत मुर्गा झपट खेल मुख्य खेलों में शामिल होगा
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल विभाग ने पहली बार उत्तराखंड का परंपरागत खेल मुर्गा झपट को राज्य के मुख्य खेलों की सूची में शामिल करने की कवायद शुरू की है. स्टेट यूनिट न होने के कारण अब तक इस खेल को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा था. इसे लेकर कैबिनेट की आगामी बैठक में फैसला लिया जा सकता है. उम्मीद है कि जल्द मुर्गा झपट को नई पहचान मिलेगी.
मुर्गा झपट उत्तराखंड का परंपरागत खेल होने के साथ पूर्व में काफी लोकप्रिय रहा है.
मुर्गा झपट समेत पहाड़ी राज्य के परंपरागत खेल रहे बाघ-बकरी, गिल्ली-डंडा, अड्डू आदि परंपरागत खेलों को मुख्य धारा में लाने की मांग लगातार उठती रही है. लेकिन महाराष्ट्र के परंपरागत खेल मलखंब को उत्तराखंड की खेल नीति में शामिल करने के बावजूद जगह नहीं मिल पाई है. अब खेल विभाग की मुर्गा झपट को प्रमुख खेलों में शामिल करने की योजना है. कैबिनेट ने निर्णय लिया, तो राज्य की खेल नीति में भी इसे शामिल किया जा सकता है. हालांकि मुर्गा झपट की अब तक स्टेट यूनिट न होने के कारण इसे बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है.
राज्य के खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने कहा, परंपरागत खेल मुर्गा झपट को प्रमुख खेलों की सूची में शामिल करने की योजना है. कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय लेने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. हालांकि विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है. जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी.
विधायक ने सड़क हादसे के मृतकों को दी श्रद्धांजलि
विधायक राम सिंह कैड़ा ने छीड़ाखान-रीठा साहिब मार्ग पर हुए हादसे में मृतकों की 13वीं में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. विधायक ने कहा कुछ दिन पहले हुए हादसे में दस लोगों की मौत हो गई थी. कहा, सड़क सुधारीकरण का कार्य चल रहा है, जल्द डामरीकरण किया जाएगा. इस मौके पर केडी भट्ट, डिकर मेवाड़ी, प्रधान रमेश मेहरा, ईश्वर मेहरा, डूंगर, चिराग रहे.
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