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Darbhanga डिजिटल साक्ष्य सहेजना अनिवार्य

 

बिहार न्यूज़ डेस्क  पूरे देश में नया कानून लागू होने के साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम में भी बदलाव किए गए हैं. इसके तहत अब मुकदमों से जुड़ी फाइलों के साथ डिजिटल साक्ष्य को भी सहेजना अनिवार्य होगा. इन साक्ष्यों को सहेजने के लिए पुलिस महकमे ने एक खासतौर पर एसओपी या मानक संचालक नियमावली तैयार की है.

इसमें डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के तौर-तरीकों के अतिरिक्त किसी केस में इन्हें प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने के तौर-तरीकों की विस्तृत जानकारी पदाधिकारियों को दी जा रही है. जांच पदाधिकारियों को इसकी अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि जांच प्रभावी तरीके से हो सके. वर्तमान में सभी साइबर थानों में एक-एक टूल किट प्रदान की गई है, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मुहैया करा दिए गए हैं. 64 सत्रों में पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

ये सभी चीजें दायरे में: गवाहों के बयान, घटनास्थल से एकत्र किए गए तमाम साक्ष्य या सबूत की फोटो या वीडियो समेत अन्य जरूरी चीजें पेन ड्राइव में एकत्र करके कोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी. अभी तो कागजी दस्तावेज के साथ डिजिटल रूप में भी इन्हें प्रस्तुत करनी की पहल की जाएगी. लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में सभी तरह के डिजिटल साक्ष्य ही अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगे. इसके अलावा अब ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज, फेसबुक पोस्ट, ब्लॉग के पोस्ट समेत ऐसे अन्य सभी डिजिटल साक्ष्य भी सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किए जाएंगे. नए बदलाव के तहत सर्वर लॉग, वेबसाइट, वॉयस मेल या चैट, सभी तरह के मैसेज, सभी सोशल साइट्स पर किए गए पोस्ट या मैसेज समेत अन्य सभी तरह के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को अब प्राथमिक साक्ष्य का दर्जा मिल गया है.

इस तरह से सहेजने होंगे डिजिटल साक्ष्य

किसी घटनास्थल पर अब एफएसएल की टीम के स्तर से वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करने के अलावा घटनास्थल की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करना अनिवार्य होगा. इस इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को कोर्ट में प्रस्तुत करना होगा. किसी तरह की तलाशी और जब्ती की पूरी प्रक्रिया और विधि की भी वीडियोग्राफी करनी होगी. इसे पेन ड्राइव या अन्य माध्यमों में सहेज कर रखना होगा. सीसीटीएनएस का उपयोग करके नागरिकों को विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी और अनुसंधान, न्यायालय, जेल समेत अन्य के कार्य भी ऑनलाइन हो सकेंगे और बेहतर निगरानी की जा सकेगी. इसका ध्यान रखते हुए ही सभी अनुसंधानकर्ता को एक-एक लैपटॉप और स्मार्टफोन देने की योजना है.

 

दरभंगा न्यूज़ डेस्क