Darbhanga डीएमसीएच में डायलिसिस के लिए खरीदनी पड़ रही है सामग्री
बिहार न्यूज़ डेस्क डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीसीयू स्थित डायलिसिस यूनिट में दवा और सामग्री समाप्त हो जाने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. मरीज के डायलिसिस के लिए परिजनों को दवा और सामग्री की लंबी सूची थमा दी जा रही है. बाजार से सामग्री खरीद कर लाने के बाद ही मरीजों की डायलिसिस हो रही है. डायलिसिस सामग्री की खरीदारी में परिजनों को काफी राशि खर्च करनी पड़ रही है.
डीएमसीएच की डायलिसिस यूनिट दूर- दूर से इलाज के लिए आने वाले गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों की लाइफ लाइन है. डायलिसिस के लिए आने वाले अधिकांश मरीज काफी गरीब होते हैं. डायलिसिस के लिए सामग्री की खरीदारी के कारण उनपर खर्च का अधिक बोझ पड़ रहा है. सूत्रों के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल प्रशासन को कई दिनों पूर्व ही दवा और सामग्री की सूची भेजी जा चुकी है. सूत्रों के अनुसार यूनिट में फिलहाल केवल हैपिंग नाम की सामग्री ही उपलब्ध है.
मरीजों के परिजनों ने दवा और सामग्री की सूची दिखाते हुए बताया कि उन्हें बाजार से खरीद कर इन्हें लानी पड़ी. मधुबनी के ललित कारक, जटमलपुर की आशा देवी, मधुबनी के चतरा निवासी मो. रुस्तम आदि मरीजों के परिजनों ने बताया कि बाजार से दवा और सामग्री की खरीदारी में उन्हें लगभग 2500 रुपए खर्च करने पड़े.
डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि सामग्री समाप्त होने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई है. तहकीकात कर सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी.
मंडल कारा में व्यवस्थाओं का सचिव ने लिया जायजा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रंजन देव ने मंडल कारा, पर्यवेक्षण गृह एवं बाल गृह का निरीक्षण किया. उन्होंने मंडल कारा में महिला वार्ड सहित सभी वार्डों का निरीक्षण कर बंदियों के रहन-सहन व खानपान की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान जुवेनाइल आरोपित के बारे में भी पूछताछ की. मंडल कारा स्थित जेल लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण कर प्रतिनियुक्त पैनल अधिवक्ता एवं जेल पीएलवी को जरूरी निर्देश दिये. सचिव श्री देव ने कहा कि विचाराधीन बंदियों या कोई भी बंदी जिसे विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो आवेदन जेल लीगल एड क्लिनिक के जरिए भेजा जाये. सचिव श्री देव ने बाल गृह एवं पर्यवेक्षण गृह में आवासित बच्चों से बात कर बच्चों की सुरक्षा, खानपान, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि की जानकारी ली. उन्होंने चाइल्ड केयर होम्स के प्रबंधकों से कहा कि आवासित बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. मौके पर बाल गृह के प्रभारी मजिस्ट्रेट बृजनाथ, अधीक्षक दीपक कुमार, पैनल अधिवक्ता इंदू कुमारी, सहायक मुन्ना दास मौजूद थे.
दरभंगा न्यूज़ डेस्क