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Chandigarh कुष्ठ आश्रम में आमदनी का जरिया चरखा केंद्र बंद
 

 


हरियाणा न्यूज़ डेस्क,  बाजार में खादी की मांग कम होने की वजह से कुष्ठ कॉलोनी में चल रहा चरखा केंद्र बंद हो गया है. अब इस केंद्र में ताला लग गया है. जिस चरखे से कारीगर खादी की चादर बनाते थे, वे चरखे अब केंद्र में धूल फांक रहे हैं. आश्रम भी किसी अन्य काम में इस भवन का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, जिसके चलते भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है.
गांधी कॉलोनी के पास बसी कुष्ठ कॉलोनी में लोगों को रोजगार के साधन मुहैया करवाने के मकसद में खादी केंद्र खोला गया था. यहां करीब दस कारीगर काम करते थे, जो चरखे से चादर, बेडशीट आदि हैंडलूम उत्पाद बनाते थे. इन उत्पाद की दिल्ली की एक संस्था खरीदकर ले जाती थी और कारीगरों को उनकी कीमत अदा करता थी.

इससे कॉलोनी में करीब 100 लोगों का रोजगार चल रहा था. भारत माता कुष्ठ आश्रम संस्था के प्रधान रामु ने बताया कि कुष्ठ कॉलोनी में जो चरखा के केंद्र था, वह बंद हो चुका है. ऑर्डर नही मिलने की वजह से केंद्र को बंद करना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो कारीगर इस केंद्र में काम करते थे, वे अब ऑटो चलाते हैं या फिर कोई अन्य काम करके परिवार के लिए दो वक्त की रोजी रोटी का बन्दोबस्त कर रहे है.

चंडीगढ़ न्यूज़ डेस्क !!!