श्री डूंगरगढ़ में मूंगफली के किसानों में मचा हाहाकार, पोर्टल बंद होने से भुगतान रुका
बीकानेर जिले का श्री डूंगरगढ़ एशिया का सबसे बड़ा मूंगफली उत्पादक क्षेत्र माना जाता है। किसानों की खरीद को आसान बनाने के लिए मूंगफली खरीद केंद्र बनाए गए हैं। हालांकि, सरकार द्वारा खरीद नियमों में बार-बार बदलाव करने से किसानों की मुश्किलें बढ़ रही हैं, जिससे कई तरह की समस्याएं आ रही हैं।
बिजली बिल बने परेशानी
दरअसल, पहले बिजली बिल ज़रूरी किए गए थे, और फिर बिजली बिल के नियमों में ढील दी गई। लेकिन, जिन किसानों को अपनी फसल तुलवानी थी, बिजली बिल न होने की वजह से उनकी ड्यू डेट निकल गई। अब डेट न बढ़ने से इन किसानों को सबसे ज़्यादा परेशानी हो रही है।
फर्जी तौल रोकने के लिए आदेश जारी
श्री डूंगरगढ़ में फर्जी ज़मीन सर्वे का मामला सामने आने के बाद, सरकार ने फर्जी तौल रोकने के लिए बिजली बिल ज़रूरी करने का आदेश जारी किया था। बाद में जब किसानों ने विरोध किया, तो सरकार ने किसानों की चिंताओं को देखते हुए फिर से आदेश बदल दिया।
डेट न बढ़ने से समय बर्बाद
बदले हुए आदेश के तहत, सिर्फ़ वही लोग अपनी फसल तुलवा सकते हैं जिनके परिवार के सदस्यों के बिल हैं। हालांकि, पोर्टल सिस्टम पर डेट नहीं बढ़ाई गई। इस वजह से किसानों की फसल तोल तो गई, लेकिन पोर्टल पर तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई। इस वजह से अब सिस्टम पर डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं हो पा रहे हैं, जिससे किसानों का पेमेंट पूरी तरह से रुक गया है। इस समस्या को हल करने के लिए किसानों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द यह तारीख बढ़ाई जाए, ताकि समय पर फसल तोलने के बाद उन्हें पेमेंट मिल सके।
तारीख बढ़ाने की मांग
किसानों का कहना है कि उनकी फसल तोलने के बाद उन्हें खरीद की तारीख वाला एक टोकन दिया जाता है। इस टोकन की वैलिडिटी 10 दिन की होती है। इस दौरान टोकन दिखाकर पैसे लिए जाते हैं। जब समय सीमा खत्म हो जाती है, तो पोर्टल पर एंट्री नहीं होती है, और तोली गई फसल का पेमेंट मिलने में काफी समय लग जाता है। इसलिए अब किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार पोर्टल फिर से खोले और उनकी पेमेंट की तारीख बढ़ाए ताकि उनका पेमेंट समय पर हो सके।