डीग के इन गांवों में बुरे हाल, दुल्हन की विदाई के लिए नहीं मिलती गाड़ियां, एंबुलेंस के लिए भी नहीं है रास्ता

आजादी के 77 साल बाद भी डिग जिले के नगर विधानसभा क्षेत्र के दो गांव लोधपुरी और भूरिया विकास से कोसों दूर हैं। बरसात के मौसम में ये गांव कच्ची सड़कों के कारण टापू बन जाते हैं, जिसका असर बाल विवाह पर भी पड़ता है। डीग जिले के ये दोनों विधानसभा क्षेत्र अलवर जिले में आते हैं। इस प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण गांव में न तो विकास हुआ और न ही पक्की सड़कें बनीं। लोधपुरी में 34 साल पहले खुला प्राथमिक विद्यालय आज भी वैसा ही है, जिससे बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए दूर जाना पड़ता है। एनडीटीवी की टीम जब लोधपुरी पहुंची तो कच्ची सड़कों की हकीकत सामने आई। ग्रामीणों ने कैमरे के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की।
लगभग 1,000 की आबादी वाला यह गांव दयनीय स्थिति में है।
स्थानीय निवासी हनीफ खान ने बताया, "गांव की आबादी करीब एक हजार है, जिसमें से 400 मतदाता हैं। हम धनोता में वोट देते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही दिखाई देते हैं। आज तक गांव में पक्की सड़क नहीं बनी। बरसात में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है।"
सरपंच बोले- विधायक और सांसद लें जिम्मेदारी
ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि उनके वोट अलवर जिले में जोड़े जाएं। सरदार कृष्ण सिंह ने कहा कि सड़कें दलदल में तब्दील हो जाती हैं। क्षेत्र के एक अन्य निवासी सुभादी ने बताया कि नेता चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन आज तक जमीन पर कुछ भी नहीं किया। हमारा गांव भरतपुर का सबसे पिछड़ा गांव है। इस बीच, लोधपुरी के सरपंच राकेश ने कहा, "गांव के अंदर तो विकास हुआ, लेकिन बाहर की सड़कों के लिए कोई बजट नहीं मिला। विधायक और सांसद को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"
ग्रामीणों ने कहा- हमारे वोट डीग से निकालकर अलवर में जोड़े जाएं
लोगों का कहना है, "बारिश के मौसम में 108 एंबुलेंस भी नहीं पहुंचती। प्रसव के लिए 20 किलोमीटर कच्चे रास्ते से जाना पड़ता है। शादी-ब्याह भी प्रभावित होते हैं। बारिश के मौसम में बारात की गाड़ियां नहीं आ पातीं। दुल्हन को भी विदाई के लिए पैदल ही दूसरे गांव ले जाना पड़ता है।" ग्रामीणों ने इसका समाधान बताते हुए मांग की है कि हमारे वोट डीग जिले की नगर विधानसभा से हटाकर अलवर जिले में जोड़ दिए जाएं, ताकि हमारे क्षेत्र की सड़कों का विकास हो सके। तभी हमारे गांव की सार्वजनिक सड़कें सांसद और विधायक कोटे से बनेंगी।