Begusarai राज्य में हर साल मच्छरों के काटने से 5 लाख लोग होते हैं बीमार
बिहार न्यूज़ डेस्क मच्छरों के काटने से बिहार में सालाना पांच लाख से अधिक लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार होते हैं. डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकुनगुनिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों का कारण मच्छर हैं. मच्छरों को खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव कराया जाता है, इसके बावजूद मच्छर घटने की बजाय बढ़ ही रहे हैं.
बिहार में मच्छरों से बचाव के लिए सरकार की ओर से लगातार पहल हो रही है. फाइलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग हर साल लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन दवा खिलाता है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्तर के अस्पतालों में बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है.
मच्छरों की 4000 से अधिक प्रजातियां विश्व में मच्छरों की चार हजार से अधिक प्रजातियां हैं. इनमें बीमारी फैलाने वाली दो दर्जन प्रजातियां हैं. मच्छर से होने वाली बीमारियां संक्रमित व्यक्ति से सीधे किसी व्यक्ति में नहीं होती है, बल्कि प्रभावित व्यक्ति से मच्छर खून चूसता है, फिर एक सप्ताह में इस मच्छर के लार्वा से होने वाले मच्छर के काटने से बीमारी होती है.
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में जनवरी से अब तक मलेरिया के 500 से कम मामले मिले हैं. मच्छरों का लार्वा नष्ट करने को दवा का छिड़काव कराया जाता है. घर और आसपास जमा पानी को हटाकर मच्छरों से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है. पिछले वर्ष राज्यस्तरीय दल ने भागलपुर के मायागंज इलाके में पाया था कि यहां लोग पीने के लिए बाल्टी या अन्य बर्तन में पानी भरकर चौकी या पलंग के नीचे रखते हैं. जांच में चिंताजनक बात यह मिली कि इसी पानी में काफी मात्रा में डेंगू के लार्वा मिले थे.
बचाव के उपाय
● घर में पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें
● हल्के रंग के मोटे कपड़े पहनें, जो पूरे शरीर को ढंक सके
● संक्रमण वाले क्षेत्रों की यात्रा से बचें, दवा का सेवन करें
● घर के आसपास पौधों की छंटाई और नालियों की सफाई करें
● स्वीमिंग पुल के पानी को हमेशा बदलते रहना चाहिए
● मच्छर भगाने वाले लिक्विड या क्रीम का प्रयोग करें
बेगूसराय न्यूज़ डेस्क