बाड़मेर नार्को-हवाला केस, जोधपुर से अशोक सिंधी गिरफ्तार, दुबई-पाक कनेक्शन की जांच तेज
राजस्थान के बाड़मेर जिले में सामने आए नार्को-हवाला नेटवर्क के बड़े खुलासे में अब जोधपुर से आरोपी अशोक सिंधी की गिरफ्तारी हुई है। यह कार्रवाई पंजाब पुलिस द्वारा की गई है, जिसने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी और हवाला नेटवर्क के तारों को जोड़ते हुए यह कार्रवाई अंजाम दी। मामले में 60 किलो हेरोइन की बरामदगी के बाद से देशभर में एजेंसियां अलर्ट हैं।
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने बाड़मेर में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास भारी मात्रा में नशा पकड़े जाने के मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए राजस्थान में दबिश दी। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि हवाला के जरिए नशे का पैसा भारत से दुबई और फिर पाकिस्तान तक पहुंचाया जा रहा था।
इसी सिलसिले में जोधपुर निवासी अशोक सिंधी को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित तौर पर इस अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का अहम खिलाड़ी बताया जा रहा है।
दुबई और पाकिस्तान से जुड़ा तार
पुलिस सूत्रों की मानें तो अशोक सिंधी के संपर्क दुबई स्थित हवाला नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि भारत में नशे की बिक्री से जुटाई गई रकम हवाला के जरिए दुबई भेजी जाती थी, और वहां से यह पैसा पाकिस्तान में सक्रिय ड्रग्स सिंडिकेट तक पहुंचाया जाता था।
यह गिरोह भारत-पाकिस्तान सीमा पर नशे की तस्करी और आतंकी फंडिंग जैसी गतिविधियों में भी शामिल हो सकता है।
अब तक दो गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारी
इस पूरे मामले में अब तक दो हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अशोक सिंधी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब तीसरे फरार आरोपी की तलाश में जुटी है। इस सिलसिले में जोधपुर, बाड़मेर और पंजाब में लगातार दबिश दी जा रही है।
जांच एजेंसियां ड्रग्स, हवाला और आतंकी नेटवर्क के बीच की संभावित कड़ी की भी गहराई से जांच कर रही हैं।
NDPS एक्ट और UAPA के तहत जांच संभव
मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस में NDPS एक्ट के साथ-साथ UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि इस पैसे का किस हद तक आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल हो सकता था।
खुफिया एजेंसियां सतर्क
बॉर्डर इलाकों में ड्रग्स के जरिए हवाला और आतंकी नेटवर्क के बढ़ते प्रभाव को लेकर IB, RAW और DRI जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय हो चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार, एनआईए (NIA) इस केस को अपने हाथ में लेने की संभावना पर विचार कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।