छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े छात्र नेता, वीडियो में देखें कई घंटे चलता रहा जोरदार ड्रामा
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्रों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में अलवर के सरकारी कॉलेज के कुछ छात्र छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर जयपुर रवाना हुए, लेकिन बांदीकुई से पहले कोलाना गांव में पुलिस की कार्रवाई से नाराज़ होकर वे गांव की पानी की टंकी पर चढ़ गए। यह मामला इलाके में तनाव का कारण बन गया है।
छात्रों का आरोप: पुलिस बना रही थी दबाव
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि जब वे जयपुर जाकर छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन करना चाह रहे थे, तभी रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। छात्रों का कहना है कि झालावाड़ में नरेश मीणा को हिरासत में लेने के बाद अब सरकार और प्रशासन बाकी छात्र नेताओं पर भी दबाव बनाने में जुट गया है।
छात्रों ने कहा कि उन्हें मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा, ताकि उनकी आवाज दबाई न जा सके। वे सरकार से छात्रसंघ चुनाव की बहाली की स्पष्ट घोषणा और हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
कोलाना में तनावपूर्ण माहौल
कोलाना गांव की पानी की टंकी पर चढ़े छात्रों की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। स्थिति को देखते हुए आसपास के इलाके में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। छात्रों के समर्थन में ग्रामीणों की भीड़ भी एकत्र हो गई, जिससे माहौल संवेदनशील हो गया।
कांग्रेस नेता दीनबंधु शर्मा मौके पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही अलवर से कांग्रेस नेता दीनबंधु शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से बातचीत कर छात्रों को समझाने की कोशिश की। शर्मा ने कहा कि छात्रों की मांग जायज है और उनकी आवाज को दबाना लोकतंत्र के खिलाफ है। “छात्रसंघ चुनाव युवाओं की लोकतांत्रिक भागीदारी का अहम हिस्सा है। सरकार को इस पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए, न कि छात्रों को डराने की कोशिश करनी चाहिए,”
प्रशासन की ओर से फिलहाल छात्रों को शांतिपूर्वक नीचे उतरने की अपील की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता है और बातचीत के जरिए ही समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। हालांकि अब तक छात्र टंकी से नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए हैं।
छात्रसंघ चुनाव बना राजनीतिक मुद्दा
राज्य में छात्रसंघ चुनाव को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। कई कॉलेजों में छात्र संगठन चुनाव की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि सरकार और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है।
इस बीच, झालावाड़ में छात्र नेता नरेश मीणा की गिरफ्तारी, और अब अलवर के छात्रों का विरोध प्रदर्शन, पूरे मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहा है। कांग्रेस जहां इसे छात्रों की आवाज बता रही है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की विफलता करार दे रहा है।