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यूट्यूबर से मिलने घरवालों को बिना बताए कर्नाटक से अलवर पहुंचा 15 साल का नाबालिग, फुटेज में जानें परिजनों ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी 

 

अलवर में एक 15 वर्षीय नाबालिग बालक अश्विक की सकुशल बरामदगी ने पुलिस और परिजनों की चिंता को कम कर दिया। मामला यूट्यूबर से मिलने के लिए घर से भागने वाले नाबालिग से जुड़ा है। कर्नाटक निवासी यह बालक 10वीं का छात्र है और 19 दिसंबर की रात घर से बिना परिजनों की जानकारी के निकला।

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कर्नाटक पुलिस को बालक के गुम होने की सूचना मिली और उन्होंने तुरंत अलवर पुलिस को सूचित किया। अलवर सदर थाना पुलिस ने अलवर बस स्टैंड पर बालक को लावारिस हालत में पाया और तुरंत उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। मंगलवार को कर्नाटक पुलिस और बच्चे के परिजन अलवर सदर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने बालक को सकुशल परिजनों के हवाले कर दिया।

कर्नाटक पुलिस के एएसआई प्रकाश ने बताया कि बालक अश्विक यूट्यूबर अमित जांगिड़ से मिलने के लिए कर्नाटक से अलवर की यात्रा पर निकला था। बालक की गुमशुदगी की रिपोर्ट कर्नाटक में पहले ही दर्ज कर दी गई थी। लोकेशन ट्रेसिंग के बाद उसे अलवर बस स्टैंड पर पाया गया। पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता के कारण बालक सुरक्षित रूप से परिजनों के पास पहुँच सका।

इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के लिए माता-पिता और पुलिस को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के चलते बच्चे असावधानी से जोखिम भरे कदम उठा सकते हैं।

बालक की बरामदगी के बाद परिजन और पुलिस ने बालक को भावनात्मक सहारा देने के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय पर भी चर्चा की। बच्चों को डिजिटल दुनिया और वास्तविक दुनिया में संतुलन बनाने की सलाह दी गई।

स्थानीय पुलिस ने भी आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई बच्चा असामान्य तरीके से कहीं दिखाई दे या संदिग्ध स्थिति में हो, तो तुरंत नजदीकी थाने या पुलिस हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दें। इस प्रकार के कदम समय रहते बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

अलवर में अश्विक की सकुशल बरामदगी ने यह भी दिखाया कि राज्य-पुलिस और पुलिस विभाग के बीच सहयोग, तकनीकी सहायता और त्वरित कार्रवाई बच्चों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बालक के माता-पिता ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी जागरूकता और मदद के कारण उनका बेटा सुरक्षित वापस लौट आया। पुलिस ने भी इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए बच्चों के व्यवहार और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उनकी गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक है।