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Allahabad नवीनीकरण में 18 गुना फिसड्डी वन विभाग

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  आरा मशीनों के लाइसेंस नवीनीकरण की अंतिम तिथि ही नहीं, बल्कि वित्तीय वर्ष भी बीत गया. फिर भी जिले में वन विभाग  आरा मशीनों का नवीनीकरण नहीं कर पाया है. जबकि पड़ोसी जनपद प्रयागराज में सिर्फ दो आरा मशीन, फतेहपुर में एक आरा मशीन और कौशाम्बी में एक भी आरा मशीन का रिनुअल बाकी नहीं है.

नवीनीकरण न करने के पीछे लोग वसूली से लेकर कई तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. उधर प्रयागराज वृत्त के वन संरक्षण ने चेतावनी दी है कि यदि बिना नवीनीकरण एक भी मशीन चलती पाई गई तो विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को जिम्मेदार माना जाएगा और कार्रवाई होगी. जिले में पिछले साल कुल 121 आरा मशीनों के लाइसेंस का नवीनीकरण हुआ था. एक दिसम्बर से 31 दिसम्बर 23 तक इनके लाइसेंस का फिर रिनुअल होना था. किन्तु 31 मार्च (वित्तीय वर्ष) बीत जाने के बाद भी सिर्फ 103 आरा मशीनों के लाइसेंस का नवीनीकरण हो सका.  आरा मशीनों का रिनुअल रुका हुआ है. जबकि पड़ोसी जनपद प्रयागराज में सिर्फ दो आरा मशीन के लाइसेंस का रिनुअल रुका हुआ है, जिसमें एक में एफआईआर हुई है और दूसरी में आरा मशीन मालिक की मौत हो गई है. फतेहपुर में सिर्फ एक आरा मशीन का नवीनीकरण रुका है जिसका कारण उसके मालिक की मौत बताया जा रहा है. कौशाम्बी में एक भी आरा मशीन के लाइसेंस का नवीनीकरण बाकी नहीं है. लेकिन बेल्हा की हालत बहुत खराब है. यहां नवीनीकरण न होने वाली  आरा मशीनों में सात आरा मशीनों के रिनुअल की प्रक्रिया जारी बताई गई है. बाकी नौ आरा मशीनों के लाइसेंस रिनुअल के लिए क्षेत्रीय वन अधिकारी स्तर से आख्या नहीं मिल पाने को वजह बताई गई है. एक आरा मशीन में स्वामित्व विवाद और एक आरा मशीन में नामांतरण को कारण बताया गया है. यह भी चर्चा है कि उच्चाधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में लाइसेंस नवीनीकरण न हो पाने की वजह चाहे जो बताई गई हो लेकिन इसके पीछे आरा मशीन संचालकों से मन मुताबिक वसूली न हो पाना प्रमुख वजह हो सकती है. इस बारे में डीएफओ जेपी श्रीवास्तव का कहना है कि एक-दो आरा मशीनों का रिनुअल किसी वजह से रुका होगा, वह भी हो जाएगा.

जिन आरा मशीनों के लाइसेंस का नवीनीकरण अब तक किसी वजह से नहीं हुआ है उनका संचालन किसी भी दशा में न होने पाए, ऐसा निर्देश दिया जा चुका है. अन्यथा की स्थिति में इसके लिए विभागीय अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे.

-तुलसीदास, वन संरक्षक, प्रयागराज वृत्त

 

 

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क