Aligarh रेजिडेंट डॉक्टरों के मेस और हॉस्टल को ‘इलाज’ की जरूरत
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क रेजिटेंट डॉक्टर एसआरएन अस्पताल की रीढ़ हैं. अस्पताल में ओपीडी का संचालन हो या वार्ड में मरीजों का इलाज वह पहली पंक्ति में रहते हैं. इसलिए अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि उनकी सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जाए. लेकिन अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा ही नहीं मेस और हॉस्टल की स्थिति भी खराब है. डॉक्टरों के अनुसार, सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को अस्पताल परिसर में रहना जरूरी होता है. लेकिन 450 रेजिडेंट डॉक्टरों के सापेक्ष हॉस्टल में लगभग 200 कमरे उपलब्ध हैं. इमसें 103 पुरुष पीजी हॉस्टल, 24-24 कमरे विवाहित पुरुष और महिला डॉक्टरों के लिए और शेष गर्ल्स हॉस्टल के हैं.
मेस में गंदगी का अंबार, स्वच्छ पानी की भी दरकार अस्पताल में परिसर में स्थित पीजी हॉस्टल के मेस में हर कोने में गंदगी है. मेस के चार कमरों में भोजन बनाया जाता हैं. हर कमरे में लगभग 50 डॉक्टरों के लिए भोजन बनता है. लेकिन मेस की गैलरी में कुत्ते बैठे रहते हैं. वाश बेसिन टूट गया है. जिस बेंच पर डॉक्टर बैठकर भोजन करते हैं, उसी पर मेस के 25 कर्मचारी रात में सोते हैं. भोजन के बाद थालियों को साफ करने के लिए व्यवस्था नहीं है. सभी थाली रसोईघर में धुली जाती है.
मेडिकल कॉलेज की ओर ने नया पीजी हॉस्टल और मेस बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. जरूरत के अनुसार डिजाइन भी तैयार हो गई है. इस बारे में शासनादेश का इंतजार है. जैसे ही शासनादेश मिलेगा एजेंसी की ओर से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. हॉस्टल काफी पुराना हो गया है, इसलिए कुछ दिक्क्ते हैं, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट के दरवाजों की रिपेयरिंग कराई जा रही है. हॉस्टल पुराना होने के कारण दरवाजों में दीमक लग जाते हैं. - डॉ. वत्सला मिश्रा कार्यवाहक प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज.
गर्ल्स हॉस्टल के टूट गए टॉयलेट के दरवाजे
अस्पताल परिसर में स्थित गर्ल्स हॉस्टल की स्थिति भी बहुत ही खराब है. हॉस्टल में कोई मुख्य द्वार नहीं है. छत जर्जर होने से पानी टपकता है. टॉयलेट के दरवाजे टूट गए हैं. मेस की सुविधा न होने से टिफिन सेवा संचालित हैं. हॉस्टल में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है. कमरा, बरामदा, वाश बेसिन, बॉथरूम की पर्याप्त सफाई नहीं होती. बालकनी जर्जर होने से टूट रही है. डॉक्टरों ने बताया कि इस बारे में अस्पताल प्रशासन से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क