Aligarh से पलवल हाईवे को दो बाईपास का पांच साल से इंतजार,रखैर-जट्टारी बाईपास नहीं बनने की वजह से घंटों लगता है जाम, होती है परेशानी
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सरकारी मशीनरी की सुस्ती का आलम देखना हो तो अलीगढ़-पलवल हाईवे पर अब तक न बन पाए दो बाईपास से बड़ा उदाहरण शायद ही कोई हो. पांच साल में खैर व जट्टारी क्षेत्र में बाईपास का निर्माण नहीं हो सका. पहले पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के पाले में बाईपास निर्माण को लेकर गेंद चलती रही. एक साल में एनएचएआई को निर्माण की जिम्मेदारी शासन स्तर से तय हुई. अब तक बाईपास निर्माण के लिए कोई समय सीमा तो दूर डीपीआर तक नहीं बनी है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बाईपास निर्माण का इंतजार कब खत्म होगा.
पलवल-अलीगढ़ हाईवे का निर्माण पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड ने किया था. यह मार्ग 552 करोड़ रुपये की लागत से बना है. 67 किमी लंबे इस हाईवे के निर्माण में करीब पांच वर्ष का समय लगा. 2021 से ही इस मार्ग को एनएचएआइ में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. मार्च 2022 को पीडब्ल्यूडी ने हाईवे निर्माण का कार्य एनएचएआई को सौंपा जा चुका है. अब एनएचएआई ही इस मार्ग की देखरेख, मरम्मत आदि का कार्य करेगा. आठ माह का समय पूरा होने को है लेकिन अब तक हाईवे निर्माण को लेकर कोई कार्य नहीं हुआ है.
अधिकारियों की मिलीभगत से नहीं बने बाईपास सांसद सतीश गौतम ने बाईपास निर्माण नहीं होने को लेकर पीडब्लयूडी के अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा कृष्णा कंस्ट्रक्शन से हाईवे का निर्माण कराया गया. हाईवे निर्माण के साथ ही बाईपास बनने थे. हाईवे की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया. जिस वजह से गड्डे होते जा रहे हैं. ऐसे में तत्कालीन अधिकारियों ने खुद की गर्दन बचाने व ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए कंपनी द्वारा किए गए कार्यो को ही पूरा न कराकर एनएचएआई को ट्रांसफर करा दिया गया.
तीन राज्यों को जोड़ता है
अलीगढ़-पलवल हाईवे तीन राज्यों को आपस में जोड़ता है. इस हाईवे से दिल्ली-एनसीआर के लिए भी यूपी की सीमा जुड़ती है. इसके साथ ही हरियाणा की सीमा जुड़ती है.
घंटों लगता है जाम
खैर-जट्टारी में बाईपास नहीं बनने से दोनों कस्बों में रोजाना घंटों के लिए लंबा जाम लगता है. घंटों लोग जाम में फंसे रहते हैं. इससे फोरलेन मार्ग पर वाहनों की रफ्तार इन दोनों कस्बों में थम जाती थी. दोनों कस्बों में करीब 10-10 किमी लंबा बाईपास का निर्माण होना है.
अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क