RPSC सहायक आचार्य भर्ती में धर्मशास्त्र, ज्योतिष फलित और यजुर्वेद में एक भी छात्र पास नहीं, फुटेज में जानें परिणामों ने खड़े किए सवाल
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने सहायक आचार्य (संस्कृत शिक्षा विभाग) भर्ती परीक्षा 2024 के तहत धर्मशास्त्र, ज्योतिष फलित और यजुर्वेद विषयों का परिणाम जारी कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन तीनों विषयों में एक भी अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक हासिल नहीं कर सका। इसके चलते इन विषयों में कोई भी उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए क्वालिफाई नहीं हो पाया है।
आरपीएससी के अनुसार, सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू के लिए पात्र होने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य था। हालांकि, धर्मशास्त्र, ज्योतिष फलित और यजुर्वेद विषयों में कोई भी उम्मीदवार इस मानक तक नहीं पहुंच पाया। इससे इन विषयों की सभी रिक्तियां फिलहाल खाली रह गई हैं।
गौरतलब है कि RPSC ने सहायक आचार्य (संस्कृत शिक्षा विभाग) भर्ती के लिए 12 जनवरी 2024 को अधिसूचना जारी की थी। इस भर्ती के तहत विभिन्न विषयों के कुल 200 पदों पर नियुक्तियां की जानी थीं। इन पदों के लिए सितंबर 2024 में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा परिणाम अब चरणबद्ध तरीके से जारी किए जा रहे हैं।
तीन विषयों में शून्य परिणाम सामने आने के बाद भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा प्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि या तो प्रश्नपत्र का स्तर अत्यधिक कठिन था या फिर इन विषयों में योग्य अभ्यर्थियों की संख्या बेहद कम रह गई है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि संस्कृत जैसे पारंपरिक विषयों में शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर पर भी गंभीर मंथन की जरूरत है।
यह पहला मौका नहीं है जब RPSC की किसी बड़ी भर्ती में इतने बड़े पैमाने पर पद खाली रह गए हों। हाल ही में आयोग ने स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा का परिणाम भी जारी किया था। उस भर्ती में 24 विषयों में से 11 विषयों के पद खाली रह गए थे, क्योंकि पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतर सके। लगातार सामने आ रहे ऐसे परिणामों से राज्य की शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
शिक्षाविदों का कहना है कि यदि इसी तरह से पद खाली रहेंगे, तो इसका सीधा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा, खासकर संस्कृत शिक्षा विभाग जैसे विषयों में, जहां पहले से ही शिक्षकों की कमी महसूस की जा रही है। वहीं अभ्यर्थियों का आरोप है कि पाठ्यक्रम, परीक्षा पैटर्न और मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर स्पष्टता का अभाव है।
फिलहाल RPSC की ओर से इन विषयों में शून्य परिणाम को लेकर कोई विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। हालांकि, माना जा रहा है कि आगे इन खाली पदों को भरने के लिए आयोग को या तो दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ सकती है या फिर नियमों में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं।