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Agra  ‘बड़ी मछलियों’ तक नहीं पहुंच पाए अफसरों के हाथ

 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   शहर के बहुचर्चित जोंस मिल कांड के बाद जगदीशपुरा का जमीन कांड सरगर्मियों में है. पुलिस ने  छह लोगों को कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने, छल के लिए उनका प्रयोग और धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेजा था. जमीनकांड में कार्रवाई को लेकर शुरूवात से शंकाओं के घेरे में रही पुलिस पर  की कार्रवाई के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. चर्चा है कि जमीन कब्जाने की साजिश में तीन माननीय, एक दर्जन से ज्यादा बिल्डर, आधा दर्जन अन्य कारोबारी, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं. पुलिस ने इनमें से किसी से पूछताछ करने तक की जहमत नहीं उठायी है. जबकि घटनाक्रम के दौरान इनमें से कई की भूमिका संदिग्ध बतायी गई थी, आरोप-प्रत्यारोप में भी जमीन कब्जाने की साजिश में एकदूसरे के लिप्त होने की बात कही गई थी. मगर आश्चर्य है कि पुलिस ने किसी ‘बड़ी मछली’ पर हाथ डालना मुनासिब नहीं समझा.

लोगों ने आशंका जताते हुए कहा है कि मोहरों को जेल भेजकर पुलिस की मामले को दाखिल दफ्तर करने की मंशा नजर आती है. इसीलिए जिन लोगों के इशारे पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए उन पर हाथ नहीं डाला गया है. पुलिस को उन्हें अपनी पड़ताल का हिस्सा बनाना चाहिए मगर उनको बचाया जा रहा है. इसके पीछे किसका दवाब है? साफ है कि कुछ शक्तिशाली लोग पूरे प्रकरण को निपटाने में जुटे हैं.

 

 

आगरा न्यूज़ डेस्क