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AGR:ऐसे तो बैंकों और रोजगार पर गहरा जाएगा सकंट

 

वोडाफोन आइडिया के बंद होने पर पहले ही एनपीए के संकट से जूझ रहे बैंकों को बड़ा झटका लग सकता है। इसके साथ कंपनी के कई कर्मचारियों की नौकरी पर संकट छा सकता है। ऐजीआर मामले को लेकर कंपनी का भविष्य अंधेरे में जाता दिख रहा है। अब वोडाफोन-आइडिया को लेकर टेलिकॉम सेक्टर में कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। वोडाफोन बंद होती है तो भारतीय बैंकों पर 25000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आ जाएगा।

एजीआर मसले को लेकर सरकार भले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कई उम्मीदें लगाए बैठी है और एजीआर पर अपनी लड़ाई जीतती दिखाई दे रही है। यदि वोडाफोन बंद होती है तो भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर जो संकट होगा, वो सरकार के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में सरकार की कोर्ट से जीत भी हार सरीखी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद टेलिकॉम कंपनियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एजीआर मामले में शीर्ष अदालत से वक्त नहीं मिलने के बाद वोडाफोन-आइडिया के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार के टेलिकॉम विभाग के अनुसार, वोडा-आइडिया पर 53 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जबकि वोडाफोन ने एजीआर की बकाया रकम 18 से 23 हजार करोड़ रुपये तक बताए हैं।

माना जा रहा है कि कंपनी दिवालिया कानून के तहत आवेदन कर सकती है। वोडाफोना-आइडिया में 45 प्रतिशत के साझेदार ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने भी कंपनी की गंभीर स्थिति को लेकर बयान जारी किया था। यदि कंपनी बंद होती है तो एनपीए के संकट से जूझ रहे भारत के बैंकों को एक और बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय बैंकों का 25 हजार करोड़ रुपये कंपनी पर बकाया है। यदि कंपनी डूबती है, तो बैंकों की रकम फंस जाएगी। वोडाफोन-आइडिया में भारत में 13500 कर्मचारी काम करते हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जुडे इन लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा।

वोडाफोन के बंद होने की चर्चाओं के बीच एनपीए के संकट से जूझ रहे बैंकों को बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय बैंकों पर 25000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आ जाएगा। इसके साथ ही कई लोगों का रोजगार जा सकता है। एजीआर मामले को लेकर कंपनी का भविष्य अंधेरे में जाता दिख रहा है। AGR:ऐसे तो बैंकों और रोजगार पर गहरा जाएगा सकंट