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सुप्रीम कोर्ट ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे निर्माण हेतु केंद्र को दी मंजूरी

 

नई दिल्ली में स्थित सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र को भारत-म्यांमार-थाईलैंड के हाइवै निर्माण की परियोजना में निर्माण कार्य को जारी रखने की अनुमति दी गई है। लेकिन दूसरी तरफ मणिपुर उच्च न्यायालय, सरकार और निर्माण फर्म के बीच के अनुबंध के विवाद पर सुनवाई में समय लग रहा है।भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली अदालत में ने यह कहा कि अदालत का विचार है कि यदि प्रोजेक्ट पारित हुआ है तो उसे समय में पूर्ण या कार्यरत रहना होगा।

न्याय के हित में हम मणिपुर उच्च न्यायालय से यह अनुरोध किया जा रहा हैं कि दो सप्ताह की अवधि के भीतर मामले का जल्द से निपटारा किया जाए। केंद्र से अपील करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है की, “हमें म्यांमार में हमारे राजदूत से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि चीन ने अपनी परियोजनाओं में सुधार तेज़ी से ला दिया है और समय पर पूरा किया जा रहा है लेकिन भारत की विश्वसनीयता आज भी सवालों के घेरे में घिरी हुई है।”

भारत की योजना सबसे पहले पुल का निर्माण शुरू करने की है ताकि म्यांमार किसी भी तरह से निराश न हो। अटॉर्नी जनरल ने अपनी बात को रखते हुए कहा है की, “फिलहाल इस परियोजना पर हाल के समय में किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है। हम पहले पुल पर काम करना शुरू कर देंगे। हमारी एजेंसियां ​​परियोजना पर काम शुरू कर सकती हैं। कृपया ऐसा कोई भी आदेश पारित न करें, जो हमें इस स्थिति का लाभ उठाने से रोक दें ।”

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट को कार्य शुरू करने की अनुमति दी है । 1,360 किलोमीटर लंबा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जाने वाला यह अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग तीन देशों से होता हुआ जाएगा । भारत और म्यांमार ने 2016 में ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के हिस्से के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और इस क्षेत्र में सड़क में संपर्क को बढ़ावा भी दिया था।