अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल से पसरा रोजगार पर संकट
दुनिया की अर्थव्यवस्था मौजूदा दौर में सुस्ती चाल से गुजर रही है। भारत में भी आर्थिक हालात की धीमी रफ्तार देखने को मिल रही है। ऐसे में टेलिकॉम सेक्टर से लेकर कारोबार तक में मायूसी पसरी है। दुनिया की सुस्त पड़ी अर्थव्यस्था का असर लोगों के रोजगार पर साफ दिखाई दे रहा है। वर्तमान समय में वैश्विक बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत है। आर्थिक ग्रोथ रोजगार के ग्राफ पर काफी असर डाल रही है। लोगों के पास या तो काम नहीं है या बड़ी संख्यां में लोग बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मंहगाई की मार और गिरती जी़डीपी भी भारत की आर्थिक ग्रोथ में बाधा बनी हुई है।
ताजा आंकड़ों में ज्यादा परिवर्तन आने की उम्मीद नहीं है। अर्थव्यवस्था की सुस्ती से बेरोजगार लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होना चिंता जनक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 के दौरान रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 25 लाख से बढ़कर 19.05 करोड़ हो जाएगी।
दुनिया की अर्थव्यवस्था मौजूदा दौर में सुस्त चाल से गुजर रही है। भारत में भी आर्थिक ग्रोथ की धीमी रफ्तार है। ऐसे में टेलिकॉम सेक्टर से लेकर कारोबार तक में मायूसी पसरी है। सुस्त पड़ी अर्थव्यस्था का असर रोजगार पर साफ दिखाई दे रहा है। वर्तमान समय में वैश्विक बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत है। अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल से पसरा रोजगार पर संकट