SBI पर सबसे ज्यादा डूबा कर्ज का बोझ
कर्ज के संकट से जूझ रहे यस बैंक को संजीवनी देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने कदम आगे बढ़ाए हैं, लेकिन एसबीआई का सबसे ज्यादा कर्ज मार्केट में डूबा हुआ है। ऐसे में यस बैंक को उबारने के लिए एसबीआई के उठाए कदम कहीं पीछे नहीं पड़ जाएं।
भारतीय स्टेटे बैंक में 6 बैंकों का विलय हुआ है। सरकारी आंकड़ो के अनुसार, साल 2016-17 में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का कूल NPA 18212 करोड़ रुपये था। एसबीआई में विलय होने वाले स्टेट बैंक ऑफ पटियाला का 17847 करोड़ रुपये एनपीए था। इसी तरह स्टेट बैंक ऑ मैसूर का 9915 करोड़, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर का 10677 करोड़, भारतीय महिला बैंक में 55 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का 8817 करोड़ रुपये का एनपीए रहा था।
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बता दें कि यस बैंक को फिर से पटरी पर लाने के लिए आरबीआई ने रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम का ऐलान किया था। एसबीआई यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी को खरीदने के लिए कदम उठा रहा है। रिस्ट्रक्चरिंग योजना के हिसाब से स्टेट बैंक यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 2450 करोड़ रुपये का निवेश कर सकता है।
एसबीआई ने कर्ज के संकट से जूझ रहे यस बैंक को संजीवनी देने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए हैं, लेकिन एसबीआई का ही सबसे ज्यादा कर्ज मार्केट में डूबा हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक के NPA का ग्राफ 5 सालों में बढ़कर तीन गुना तक जा पहुंचा है। ऐसे में खुद एसबीआई बैंक ही NPA संकट का सामना कर रहा है। SBI पर सबसे ज्यादा डूबा कर्ज का बोझ