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केवल  50000 रुपयों से शुरू करें मोती कमाई वाला ये सरकारी काम,शुरू करने के लिए सरकार भी करेगी आपकी मदद 

 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, अगर आप किसी बिजनेस की तलाश में हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया के बारे में बता रहे हैं। जिसमें केंद्र सरकार आपको मोटी कमाई करने का मौका दे रही है। आप मेडिकल सेक्टर में अपना भविष्य संवार सकते हैं। वैसे भी कोरोना काल के दौर में मेडिकल सेक्टर की डिमांड में तेजी आई है। केंद्र सरकार ने जेनरिक दवाइयां मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केद्र खोलने का मौका दे रही है। इसके लिए सरकार सहायता भी कर रही है।सरकार जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। सरकार देश भर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों  की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। आम लोगों के लिए दवाइयों के खर्च का बोझ कम हो इसके लिए जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।

कौन खोल सकते हैं जन औषधि केंद्र

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है। पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है। वहीं, दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट अस्पताल, आदि आते हैं। तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियों को मौका मिलता है। यानी कि अगर आप जनऔषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए। अप्लाई करते समय डिग्री को प्रूफ के तौर पर सबमिट करना जरूरी है। PMJAY के तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस रकम दी जाती है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है।

जन औषधि के लिए कैसे करें अप्लाई?

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले 'रिटेल ड्रग सेल्स' का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको एप्लीकेशन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा।

जानिए जन औषधि से कितनी होगी कमाई?

जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक कमीशन मिलता है। इस कमीशन के अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी तक का इंसेंटिव दिया जाता है। जो कि आपकी कमाई होगी। इस योजना के तहत दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य सामानों के लिए सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये तक की मदद मिलती है। बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर खरीदने में भी सरकार 50,000 रुपये तक की मदद करती है।