एशिया की तीसरी सबसे कमजोर करेंसी बना रुपया
भारत में आर्थिक सुस्ती और बढ़ती महंगाई हर किसी पर भारी पड़ रही है। टेलीकॉम सेक्टर से लेकर ऑटो कारोबार मंदी की मार झेल रहा है। देश की आर्थिक विकास दर का भारत की मुद्रा रुपए पर नकारात्मक असर पड़ा है। पिछले 1 साल में रुपया डॉलर के मुकाबले टूट गया है और एशिया की तीसरी सबसे कमजोर करेंसी के रूप में साबित हुआ है। ब्लूबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2019 से लेकर अब तक रुपया डॉलर के मुकाबले 2 प्रतिशत तक गिर गया है।
अर्थव्यवस्था के मामले में भी बांग्लादेश भारत को कड़ी चुनौती दे रहा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया सबसे अधिक 9.5 प्रतिशत तक लुढ़का है। दक्षिणी कोरिया की करेंसी 4.8 प्रतिशत तक गिर गई। रुपए में 2 फीसदी की गिरावट को लेकर भारत के आर्थिक विश्लेषक अपने-अपने तर्क देने में लगे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में उम्मीद से ज्यादा गिरावट आना रुपए में कमजोरी का कारण है।
भारत में आर्थिक सुस्ती और बढ़ती महंगाई हर किसी पर भारी पड़ रही है। देश की आर्थिक विकास दर का मुद्रा पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। पिछले 1 साल में रुपया डॉलर के मुकाबले टूट गया और एशिया की तीसरी सबसे कमजोर करेंसी के रूप में साबित हुआ है। जनवरी 2019 से लेकर अब तक रुपया डॉलर के मुकाबले 2 प्रतिशत तक गिर गया है। एशिया की तीसरी सबसे कमजोर करेंसी बना रुपया