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छोटी बचत योजनाओं से हो सकता हैं अच्छा कलेक्शन,टारगेट हासिल करने के करीब सरकार 

 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क, केंद्र सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट में प्रस्तावित छोटी बचत योजनाओं से कलेक्शन का टारगेट पूरा कर लिया जाएगा। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि फरवरी के शुरू तक के आंकड़ों के मुताबिक, नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (NSSF) की विभिन्न योजनाओं का कलेक्शन पूरे वित्त वर्ष के टारगेट का 64 पर्सेंट रहा है। वित्त वर्ष के दौरान इन योजनाओं से जुड़ा बजटीय अनुमान 4.17 लाख करोड़ रुपये रहा है।

जनवरी के आखिरी तक स्मॉल सेविंग्स फंड का नेट कलेक्शन 2.77 लाख करोड़ था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 10 महीनों में यह आंकड़ा 1.99 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने फिस्कल डेफिसिट की भरपाई बॉन्ड मार्केट, स्मॉल सेविंग्स और कैश बैलैंस के जरिये जुटाती है। बॉन्ड की बिक्री घटाने से सरकार को अपनी बॉरोइंग कॉस्ट को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। केंद्र सरकार आम तौर पर अक्टूबर-मार्च के बॉरोइंग कैलेंडर को लेकर सितंबर के आसपास फैसला करती है।

लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से कई बचत योजनाएं चलाई जाती हैं। छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि शामिल हैं। ये योजनाएं आम लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती हैं। यही कारण है कि छोटी बचत योजनाएं लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं।

छोटी बचत योजनाओं की खास बात ज्यादा ब्याज और सुरक्षित रिटर्न है. बैंकों के आम बचत खातों की तुलना में देखें तो छोटी बचत योजनाओं पर ज्यादा ब्याज का लाभ मिलता है। कई मामलों में तो छोटी बचत योजनाओं का ब्याज बैंक एफडी से भी ज्यादा हो जाता है। सुकन्या समृद्धि योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना दो ऐसी स्मॉल सेविंग स्कीम हैं, जो 8-8 फीसदी से ज्यादा की दर से ब्याज ऑफर कर रही हैं। यह कई बैंक एफडी के ब्याज से ज्यादा है।