SBI, HDFC और ICICI बैंकों में नहीं डूबेगी आपकी मेहनत की कमाई, इस ख़ास दर्जे से बढ़ेगा ग्राहकों का विश्वास
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - 2024 में एक बार फिर भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को उनके आकार और उपयोग के कारण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इन बैंकों को घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में मान्यता दी गई है। तब से, इन तीनों बैंकों को देश का सबसे सुरक्षित बैंक कहा जा रहा है। इन बैंकों को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि इनके डूबने से देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार इन बैंकों को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता देती है।
क्या है डी-एसआईबी?
13 नवंबर को डी-एसआईबी बैंकों की सूची जारी की गई। जिसमें पिछले साल की तरह इस साल भी आरबीआई ने एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंकों को घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक का दर्जा दिया है। अब सवाल यह उठता है कि ये डी-एसआईबी क्या है? आपको बता दें कि इस सूची में शामिल बैंकों को घरेलू प्रणाली के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही ये देश के सबसे सुरक्षित बैंकों में शामिल हैं। आसान शब्दों में कहें तो अगर ये बैंक डूबते हैं तो इससे देश की पूरी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में उनकी जरूरत को देखते हुए सरकार खुद उन्हें बचाने आएगी।
कैसे बनती है लिस्ट?
भारतीय रिजर्व बैंक 31 मार्च 2024 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार डी-एसआईबी बैंकों की लिस्ट बनाता है। घरेलू व्यवस्था के लिए जरूरी बताए जाने वाले बैंकों को एडिशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी1) बनाए रखना होता है। जिन्हें अपनी बकेट के हिसाब से ज्यादा कॉमन इक्विटी टियर 1 बनाए रखना होता है। किसी भी जोखिम से इस जमा पूंजी से ही निपटा जा सकता है।
कब शुरू हुई डी-एसआईबी?
भारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू व्यवस्था के लिए इन बैंकों की लिस्ट लाने का फैसला सबसे पहले 10 साल पहले 2014 में किया था। इस लिस्ट में एसबीआई को 2015 और आईसीआईसीआई बैंक को 2016 में जगह मिली थी। एचडीएफसी बैंक को 2017 में इस लिस्ट में शामिल किया गया था।