न्यू ईयर गिफ्ट: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूरे देश में गैस पर लगेगा एक समान टैरिफ
भारत के नेचुरल गैस मार्केट में कंज्यूमर्स के लिए अच्छी खबर है। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) द्वारा पाइपलाइन टैरिफ में हाल ही में किए गए बदलावों से ग्राहकों को सीधे फायदा हो रहा है। कई सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) और पाइप वाली नेचुरल गैस (PNG) की कीमतें कम करना शुरू कर दिया है, जिसका इस्तेमाल घरों में खाना पकाने के लिए होता है। थिंक गैस ने इसमें सबसे पहले कदम उठाया है, और 1 जनवरी, 2026 को नया टैरिफ सिस्टम लागू होने से पहले ही कई राज्यों में CNG और घरेलू PNG की कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कंज्यूमर्स को तुरंत राहत देने के लिए उठाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इंडियन ऑयल-अडानी गैस, गुजरात गैस और महानगर गैस जैसे अन्य सिटी गैस ऑपरेटर्स से भी आने वाले दिनों में कीमतों में कमी की घोषणा करने की उम्मीद है। PNGRB ने 16 दिसंबर को नेचुरल गैस पाइपलाइनों के लिए एक नया तर्कसंगत टैरिफ ढांचा जारी किया था। यह बदलाव 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा। नेचुरल गैस का इस्तेमाल मुख्य रूप से बिजली बनाने, खाद बनाने, CNG और घरों में खाना पकाने के लिए किया जाता है। नए नियमों के तहत सबसे बड़ा बदलाव दूरी-आधारित टैरिफ ज़ोन में है। पहले तीन ज़ोन थे, लेकिन अब उन्हें घटाकर सिर्फ़ दो कर दिया गया है:
ज़ोन 1: 300 किलोमीटर तक
ज़ोन 2: 300 किलोमीटर से ज़्यादा
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब CNG और घरेलू PNG कंज्यूमर्स के लिए पूरे देश में एक समान कम रेट लागू होगा। गैस सोर्स से दूरी की परवाह किए बिना, सभी से ज़ोन 1 का रेट लिया जाएगा, जो लगभग ₹54 प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) है।
पहले, दूर के इलाकों में ज़्यादा टैरिफ लगता था, जिससे वहां CNG और PNG महंगी होती थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से दूर-दराज के शहरों और राज्यों में CNG और PNG की कीमतों में काफी कमी आएगी, जिससे ट्रांसपोर्टेशन और घरों में खाना पकाने की लागत कम होगी। इससे स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
इंडस्ट्री ने PNGRB के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि एक समान टैरिफ से पूरे देश में एक एकीकृत नेचुरल गैस मार्केट बनेगा और नए इलाकों में सिटी गैस नेटवर्क के विस्तार में तेज़ी आएगी। यह नया साल सच में कंज्यूमर्स के लिए राहत भरा होने वाला है, क्योंकि उनकी जेब पर गैस की कीमतों का बोझ आखिरकार कम हो रहा है।