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New Draft Framework Policy : भारत में स्टील विकास के लिए सरकार की नीति तैयार

 

इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के विचारानुसार सरकार ने देश में इस्पात समूहों के विकास के लिए नई रूपरेखा नीति तैयार की है जो मूल्य वर्धित इस्पात के उत्पादन को बढ़ाने और रोजगार उत्पन्न करने में सहायता को प्रदान करेगी। इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में अपने इस बयान से सबको अवगत करवाया। प्रधान ने लोकसभा में उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सौदा का ढांचा नीति का उद्देश्य मौजूदा इस्पात समूहों के विकास और विस्तार के साथ-साथ ग्रीनफील्ड स्टील क्लस्टर के रूप में स्थापित करने  का लक्ष्य गया हुआ है ।

इस्पात मंत्रालय ने देश में इस्पात समूहों के विकास के लिए नई सौदों की एक रूपरेखा नीति को तैयार किया है। जिसका उद्देश्य मौजूदा इस्पात समूहों के विकास और विस्तार के साथ-साथ ग्रीनफील्ड स्टील क्लस्टर को स्थापित करने का लक्ष्य बनाया गया है। प्रधान ने आगे कहा है कि स्टील क्लस्टर न केवल देश को स्टील के निर्माण में आत्मानिर्भर और पूंजीगत सामान बनाने में मदद करेंगे ,

बल्कि रोजगार भी पैदा करेंगे, विशेष रूप से देश के पूर्वी भाग में छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल के राज्यों को कवर करते आ रहें हैं। ओडिशा और आंध्र प्रदेश इस्पात मंत्रालय की ‘पुरोदया’ पहल के हिस्से के रूप में जनवरी 2020 में, मंत्री ने  कहा है की ” मिशन पुरोदया ” लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य एकीकृत स्टील हब के माध्यम से पूर्वी भारत के त्वरित विकास का सामना किया गया है।

राष्ट्रीय इस्पात नीति द्वारा लागू देश की 75 प्रतिशत से अधिक वृद्धिशील स्टील क्षमता को जोड़ने की क्षमता बनी हुई है। जिसमें की मिशन की शुरुआत करते हुए प्रधान ने कहा कि यह उम्मीद है कि 2030-31 तक 300 मिलियन टन क्षमता में से 200 मिलियन टन से अधिक अकेले इस क्षेत्र से आ सकता है।