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Tamil Nadu में NHAI का आग्रह Toll Fee में कोई बढ़ोतरी न हो

 

तमिल नाडु ने निजी बस और लॉरी ऑपरेटरों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI ) से यह अनुरोध किया है कि परिवहन उद्योग को आर्थिक तंगी और खराब कारोबार से वापस लौटने में मदद करने के लिए ट्रांसपोर्ट उद्योग को वार्षिक शुल्क में छूट देनी चाहिए। यदि यह दर बढ़ती है तो यह अंत में कहीं न कहीं आम आदमी को प्रभावित करने वाली है क्योंकि वस्तुओं की कीमत और कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था में महंगाई की दर काफी तेजी से बढ़ने वाली है ।

तमिलनाडु के 48 प्लाजा में से 22 में 1 सितंबर से विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए टोल शुल्क 5 रुपये से बढ़कर 30 रुपये किये जाने वाला है। थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक टोल शुल्क में तेजी से वृद्धि की गई है। लॉकडाउन के बीच में NHAI ने रियायतों को यह मंजूरी दी थी कि 20 अप्रैल को 26 प्लाजा में टोल शुल्क में वृद्धि की गई थी जिसके साथ के अधिकारियों ने सेंट्रर की अनुमति के बाद से अपनी मंजूरी को प्रदान कर दिया है ।

परिवहन क्षेत्र पहले से ही लॉकडाउन के कारण हाल के समय में गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और साथ ही यह कदम क्षेत्र को तेजी से अस्थिर करने वाला है । इस मौके पर तमिलनाडु स्टेट लॉरी ओनर्स वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष एस युवराज ने कहा है की , ” हम एनएचएआई से टोल शुल्क बढ़ाने से इनकार करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन अभी हमें कसी भी तरह कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इतना ही नहीं अधिकारियों से अगले छह महीनों के लिए टोल संग्रह को निलंबित करने का अनुरोध किया है।

स्थिति सामान्य होने के बाद से टोल संग्रह फिर से शुरू होने वाला है साथ ही गैर-टोल संग्रह अवधि जो की लॉकडाउन में देखी गई थी उसको कवर करने के लिए अनुबंध अवधि के अंत में टोल संग्रह का विस्तार भी कर सकते हैं। क्योंकी वर्तमान समय की बात करें तो प्रति दिन लगभग 30,000 वाहन चेन्नई और बेंगलुरु के बीच परिवहन करते हैं। चेन्नई-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग 48 में वाहन यातायात फिलहाल के समय में पहले से कई गुना बढ़ गया है।