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MSME को मिली 3 लाख करोड़ रुपये की योजना, बैंकों ने 1,61,017 करोड़ रुपये मंजूर किए ?

 

वित्त मंत्रालय के द्वारा अपने बयान में सोमवार को यह कहा गया है कि बैंकों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के तहत अभी हालिया समय में रुपये 1,61,017 करोड़ को मंजूर किया गया है। एमएसएमई क्षेत्र को 3 सितंबर तक बैंकों द्वारा वितरण के तोर पर अभी 1,13,713 लाख करोड़ रुपये को उपयोग में लिए गए हैं।

भारत के माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के रूप में आर्थिक पैकेज मदद देने वाला है । जिसके तहत इस योजना में एमएसएमई क्षेत्र कोरोना महामारी से प्रेरित तनाव का सामना करने में मदद को प्राप्त कर सबसे बड़े वित्तीय घटक के रूप में कार्य कर रहा है। जिसमें मंत्रालय के नियमों के अनुसार ECLGS पर नवीनतम रूप में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों , 24 निजी क्षेत्र के बैंकों और 31 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के द्वारा किए संवितरण को शामिल की गया हैं।

इतना ही नहीं वित्त मंत्रालय ने आगे अपने बयान में यह कहा है की , “3 सितंबर 2020 तक निजी बैंकों द्वारा 100% आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत स्वीकृत रूप से कुल राशि 1,61,017.68 करोड़ रुपये रखी गई है, जिसमें से अभी कुल  1,13,713.15 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। पीएसयू बैंकों के द्वारा मंजूर किए गए ऋण जो की 78,067.21 करोड़ रुपये बनी हुई हैं, जिसमें की निजी बैंकों ने 82,950 करोड़ रुपये के ऋण को स्वीकृत किया गया हैं।

वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण के द्वारा यह कहा गया है की, “24 अगस्त 2020 की तुलना में अनुमोदित तोर पर ऋणों की राशि में 5,022.06 करोड़ रुपये की वृद्धि को देख रही है और वहीं दूसरी तरफ पीएससी और निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा वितरित ऋणों की राशि में 7,786.16 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी जा रही है ।