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सरकार को Commercial Coal Mines हेतु 78 Valid Bids हुई प्राप्त

 

कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक तोर पर कोयले के खनन के लिए पहली नीलामी पेश की जिसमें की 38 कोयला खदानों में से 21 के लिए 78 वैध बोलियां मिली है, जो की मंगलवार को समयसीमा के करीब 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन के प्रमुख घटक में से एक है। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियां हिंडाल्को और एस्सेल माइनिंग, अदानी समूह , वेदांता समूह की कंपनी बाल्को, जिंदल स्टील एंड पॉवर और जेएसडब्ल्यू यह सभी उन 46 संस्थाओं में शामिल हैं, जिनके द्वारा कुल 82 बोलियां को पूरा किया गया हैं।

तकनीकी बोली बुधवार को परीक्षा हेतु शुरू की जाएगी, जो 16 अक्टूबर तक जारी रहने वाली है। योग्य बोलीदाताओं के द्वारा वित्तीय बोली 19 अक्टूबर को राज्य संचालित एमएसटीसी के ई-नीलामी मंच के माध्यम से शुरू होते हुए 11 नवंबर को पूरी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका को खारिज करते हुए तकनीकी बोलियों का मार्ग स्वीकार किया था। राज्य सरकार ने COVID-19 महामारी और व्यावसायिक बिक्री से उत्पन्न होने वाली नीलामी से राज्य को लाभ नहीं होगा यह सोचते हुए स्थगन हुआ था ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 मई को उद्योगों में आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने हेतु “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के हिस्से के रूप में वाणिज्यिक खनन शुरू करने की घोषणा की , नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2017 में कैबिनेट द्वारा वाणिज्यिक खनन की अनुमति देने की नीति को मंजूरी दी गई थी , जिसमें की प्रधानमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल भी था। इसकी नीति को लागू करने के लिए आवश्यक कानूनों में बदलाव इस साल जनवरी में ही किए गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को नीलामी की शुरुआत करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता के युग की शुरूआत होंने वाली है और कुल मिलाकर, 41 कोयला खदानों को ब्लॉक पर रखा गया है एवं अगले पांच वर्षों में 33,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा ऐसा विचार कीया जा रहा है , जो की देश को ऊर्जा में अपने  आत्मनिर्भरता की ओर इसे बढ़ाया जाएगा। भारत को भंडार के आकार को देखते हुए दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए।