×

IMF: भारत में आर्थिक ग्रोथ के लिए नीतिगत सुधार की आवश्यकता

 

भारत में आर्थिक विकास की धीमी चाल के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का बड़ा बयान सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत में अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। इसकी बेहतरी के लिए सरकार को नीतिगत कदम उठाने की आवश्यकता है। सोमवार को आईएमएफ ने एक रिपोर्ट जारी की और कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश के आर्थिक विकास के गतिशील होने से लाखों लोग गरीबी से बाहर निकले हैं लेकिन साल 2019 की छमाही में आर्थिक विकास कमजोर साबित हुआ। इकोनॉमिक ग्रोथ कमजोर रहने से गरीबी की मार फिर से पड़ गई है।।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि मैक्रोइकोनॉमिक मैनेजमेंट मे लगातार मजबूती आवश्यक है। मोदी सरकार मौजूद दौर में बहुमत में है। इसके चलते केंद्र सरकार के पास एक बेहतर मौका है कि सतत विकास और संयुक्त विकास के लिए सुधारों की प्रक्रिया को तेज करें।

भारत की जीडीपी ग्रोथ सितंबर तिमाही के दौरान घटकर 4.5 प्रतिशत के स्तर पर आ ठहरी है। पिछले छह वर्षों में ये जीडीपी ग्रोथ सबसे कम है। ग्रोथ के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर तिमाही में निजी घरेलू मांग महज 1 प्रतिशत की बढ़त हुई है। दिसंबर तिमाही को लेकर ऐसे संकेत सामने आ रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियां कमजोर रही। ग्रामीण इलाकों में आय कम होने, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के नकदी संकट और कर्ज देने के नियमों में सख्ती से निजी खपत पर असर पड़ा है। इसके अंतगर्त जीएटी जैसी चीजों को लेकर भी प्रभाव सामने आए हैं।

भारत में आर्थिक विकास की धीमी चाल के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का बड़ा बयान सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत में अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। इसकी बेहतरी के लिए केंद्र सरकार को नीतिगत कदम उठाने की आवश्यकता है। साल 2019 की छमाही में आर्थिक विकास कमजोर साबित हुआ। IMF: भारत में आर्थिक ग्रोथ के लिए नीतिगत सुधार की आवश्यकता