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लॉकडाउन का असर! 9 लाख करोड़ के नुकसान की आशंका

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया है। बुधवार को लॉकडाउऩ का पहले दिन लोग अपने घरों में रहे। देश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजर रही है। देश में 21 दिन के लॉकडाउन का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर रहने वाला है। लॉकडाउन से इकोनॉमी को 120 अरब डॉलर यानी करबी 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसना हो सकता है।

लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को होने वाले नुकसान के आंकड़े बार्कलेज बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में दर्शाए हैं। यह नुकसान  भारत की जीडीपी के 4 प्रतिशत के बराबर माना जा रहा है। बार्कलेज ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार प्रतिशत के बराबर रह सकती है.’’बार्कलेज ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.65 फीसदी की कटौती करेगा। आगामी एक वर्ष के भीतर इसमें 1 और प्रतिशत की कटौती की जानी है। बता दें कि आरबीआई 3 अप्रैल को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निष्कर्षों का ऐलान करने वाला है।

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रिसर्च एंड एडवाइजरी कंपनी एमके के अनुसार, लॉकडाउन से होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए उपाय नहीं किए गए हैं। उसने बयान जारी कर कहा हैकि सरकार बंदी के आर्थिक असर को लेकर फिलहार चुप रही है। कंपनी ने जीएसटी और नोटबंदी की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर लॉकडाउन का अधिक  असर पड़ने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 25 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक का लॉकडाउन किया है।

देश में 21 दिन के लॉकडाउन का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर रहने वाला है। लॉकडाउन से इकोनॉमी को 120 अरब डॉलर यानी करबी 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को होने वाले नुकसान के आंकड़े बार्कलेज बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में दर्शाए हैं। लॉकडाउन का असर! 9 लाख करोड़ के नुकसान की आशंका