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एयर इंडिया की बिक्री में देरी का जानें बड़ा कारण

 

एयर इंडिया को बेचने में फिलहाल देरी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब बजट के बाद एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लाना संभव हो सकेगा। इसके चलते सरकार की तमाम प्रयास दूर की कोढ़ी साबित हो रहे हैं। इसके चालू वित्त वर्ष में नेशनल कैरियर को बेचने की प्लानिंग खटाई में पड़ने की आशंका है।

सरकारी SPV में देनदारियां शिफ्ट करने में दिक्कत आ रही है। जनवरी 2020 के पहले हफ्ते में ईओआई आना था। कई एसेट्स के मालिकाना हक की स्थिति साफ नहीं है। एयर इंडिया के बेचने के बाद कर्मचारियों की नौकरी को लेकर भी चिंता है। कई राज्यों ने एयर इंडिया को जमीन दी है। ऐसे कई कारणों के चलते EoI बजट के बाद आ सकता है। इसके बाद एयर इंडिया को बेचने के लिए बोली लगाई जानी है। मोदी सरकार एयर इंडिया को बेचने की तैयारी में है। यदि समय पर खरीददार नहीं मिले तो एयर इंडिया को बंद भी किया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयरलाइंस को अलग-अलग उपायों के सहारे लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता है। प्रयोग में नहीं आ रहे छोटे आकार के 12 जहाजों को वापस चालू करने के लिए फंड की आवश्यक्ता पड़ेगी। एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार इस एयरलाइंस में हिस्सेदारी बेचने के लिए उपायों की खोज कर रही है। यदि खरीदार नहीं मिला तो आगामी जून, 2020 तक एयर इंडिया बंद हो सकती है।

आगामी वर्ष 2020 तक जुलाई तक कोई खरीददार नहीं मिलता है तो एयरलाइंस का असर भी जेट एयरवेज जैसा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एयर इंडिया को नीजि हाथों में सौंपने को लेकर सरकार पहले ही फैसला ले चुकी है। इससे पहले भी एयर इंडिया को नीजि कंपनियों को सौंपने के लिए प्रयास कर चुकी है।

सरकार द्वारा एयर इंडिया को बेचने को लेकर तमाम प्रयास खटाई में पड़ते जा रहे हैं। बजट के बाद एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लाना संभव हो सकेगा। इसके चलते सरकार की कोशिशें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। सरकारी SPV में देनदारियां शिफ्ट करने में दिक्कत आने की संभावना है। कई चीजों को बिक्री में देरी की वजह को गिनाया गया है। एयर इंडिया की बिक्री में देरी का जानें बड़ा कारण