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पोस्ट ऑफिस की इन तगड़ी कमाई वाली 5 योजनाओं में नहीं मिलती 80C वाली छूट, समझिये क्या निवेश करना होगा सही?

 

बिज़नस न्यूज़ डेस्क,  पोस्ट ऑफिस की कई स्कीमों में ज्यादतर लोग यह सोचकर निवेश करते हैं कि उन्हें टैक्स बेनेफिट मिलेगा। लेकिन आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस की कई ऐसी योजनाएं हैं जिन पर आपकों किसी भी तरह का टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता है। पोस्ट ऑफिस की कुछ योजना में 80C के तहत टैक्स छूट कैटेगरी में नहीं आते हैं। कुछ योजनाओं पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं लगता है।

वे योजनाएं जिस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता है।

किसान विकास पत्र (KVP)

पोस्ट ऑफिस एफडी (5 साल का पीरियड छोड़कर)

पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट

1. महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट - भारत सरकार ने महिला सम्मान सर्टिफिकेट 2023 एक स्मॉल सेविंग स्कीम है जो महिलाओं के लिए लाई गई है। यह भारतीय महिलाओं को धन को सेव करके निवेश करने की आदत डालती है। योजना के तहत टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता है। 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं लेकिन इंटरेस्ट टैक्सेबल है।

2. नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट (TD) एक, दो, तीन या पांच साल के लिए खोला जा सकता है। आप इसका टाइम पीरियड भी बढ़ा सकते हैं। 1 साल, 2 साल और 3 साल पर दी जाने वाली ब्याज दरें क्रमशः 6.9%, 7.0% और 7.1% हैं। नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट में 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर टैक्स बेनेफिट का फायदा उठा सकते हैं। 80C का लाथ एक साल, दो साल या तीन साल के डिपॉजिट पर नहीं मिलता है।

3. नेशनल सेविंग रेकरिंग डिपॉजिट (RD) गारंटी 6.7 प्रतिशत का ब्याज देता है। इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। ब्याज तिमाही आधार पर जोड़ी जाता है। एक व्यक्ति या अधिकतम 3 लोग ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं। आरडी खाताधारक को एक महीने में न्यूनतम 100 रुपये या 10 रुपये के मल्टीपल में जमा करना होता है। अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है।

4. किसान विकास पत्र योजना में 80C के तहत छूट नहीं मिलती है। इस पर मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स चुकाना पड़ता है। इस पर इंटरेस्ट सालाना मिलता है।

5. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में सिंगल अधिकतम 9 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। ज्वाइंट अकाउंट में अधिकतम 15 लाक रुपये निवेश करसकते हैं। इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स लगता है। इस योजना पर 80C के तहत छूट नहीं मिलती है। इंटरेस्ट इनकम एक फाइनेंशियल ईयर में 40,000 रुपये और सीनियर सिटीजन के लिए 50,000 रुपये से ज्यादा होने पर टैक्सेबल इनकम की केटेगरी में आता है। सरकार इस पर 7.4 फीसदी का ब्याज दे रही है।