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बहुत ही शीग्रह शुरू हो सकता है भारत का अपना पहला इलेक्ट्रिक कार बैटरी प्लांट ,जाने यह रिपोर्ट

 

भारत के सबसे बड़े स्टील टाइकून के दामाद भारत में एक बड़ा दांव खेलने जा रहे हैं। इस दाव के साथ वह इस क्षेत्र में लंबे समय से स्थापित चीन के एकाधिकार को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं विक्रम हांडा की, जिन्होंने भारत का पहला इलेक्ट्रिक कार बैटरी पार्ट्स बनाने के लिए प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। जानकारी के अनुसार इस प्लांट में इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी कोयला टार को ग्रेफाइट एनोड में बदल कर बनाई जाएगी। विक्रम हांडा ने एप्सिलॉन एडवांस्ड मैटेरियल्स प्राइवेट के नाम से एक प्लांट स्थापित किया है। यह भारत का पहली लिथियम आयन बैटरी पार्ट्स निर्माता कंपनी है।इस प्लांट को कर्नाटक राज्य में अगस्त में स्थापित किया गया था। इस प्लांट में देश की सबसे बड़ी स्टील मिल से कच्चे माल की सोर्सिंग की जा रही है

जो कि विक्रम हांडा के ससुर सज्जन जिंदल की है। जानकारी के अनुसार हांडा की योजना 2030 तक 100,000 टन सिंथेटिक ग्रेफाइट एनोड बनाने की है।इतना ही नहीं उनकी योजना अनुमानित वैश्विक मांग का लगभग 10% उत्पादन करने के लिए 60 बिलियन रुपये यानी करीब 807 मिलियन डॉलर का निवेश करने की है। एनोड सामग्री लिथियम आयन बैटरी में नकारात्मक इलेक्ट्रोड हैंऔर सेल के घटकों का एक चौथाई हिस्सा होते हैं।आपको बता दें कि चीन दुनिया के 80 प्रतिशत से अधिक इन एनोड की आपूर्ति का उत्पादन करता रहा है, इसके लिए वह भारत सहित कई देशों से कच्चे माल का आयात करता है। भारत में एनोड का उत्पादन करके, हांडा का उद्देश्य दक्षिण एशियाई राष्ट्र को बैटरी खनिज केंद्र से बैटरी सामग्री केंद्र में परिवर्तित करना है।