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दिल्ली में पेट्रोल पंप पर नई शर्तें लागू: कार और बाइक में भरवाना है फ्यूल तो साथ लेकर चले ये जरूरी डॉक्यूमेंट 

 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने कड़े फैसले लिए हैं। दिल्ली के बाहर, यानी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान या अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड गाड़ियां, जो BS-6 स्टैंडर्ड से नीचे हैं (यानी BS-IV या BS-III), उन्हें दिल्ली में आने से बैन कर दिया गया है। एक और अहम फैसला फ्यूल भरवाने से जुड़ा है, जिसे गुरुवार, 18 दिसंबर से लागू किया जा रहा है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पेट्रोल पंप पर बिना वैलिड PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट के कारों, बाइकों और अन्य गाड़ियों को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा।

PUC सर्टिफिकेट के बिना कोई फ्यूल नहीं!
अगर आप दिल्ली में अपनी कार, बाइक या अन्य गाड़ी में पेट्रोल, डीजल या CNG भरवाने के लिए पेट्रोल पंप जाते हैं, तो आपको अपना PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट साथ ले जाना होगा। अभी इस बारे में कोई साफ निर्देश नहीं हैं कि डिजिटल कॉपी स्वीकार की जाएगी या नहीं। पर्यावरण मंत्री ने साफ कहा है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कंट्रोल करने के संबंध में पेट्रोल, डीजल और CNG पंप डीलरों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ उन्हीं गाड़ियों में फ्यूल भरें जिनके मालिक उन्हें वैलिड PUC सर्टिफिकेट दिखाएं।

PUC सर्टिफिकेट के बिना गाड़ियों से लाखों का जुर्माना वसूला गया
सड़कों पर प्रदूषण कम करने के मकसद से सरकार ने बिना वैलिड PUC सर्टिफिकेट वाली गाड़ियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में अब तक 8.66 लाख से ज़्यादा गाड़ियों का चालान किया गया है। मंत्री का दावा है कि इस कड़ी कार्रवाई से गाड़ी मालिकों में नियमों का पालन करने के बारे में जागरूकता बढ़ी है। इसके अलावा, प्रदूषण नियमों के अन्य उल्लंघनों के लिए 2,000 से ज़्यादा नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे लगभग 9.21 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

गार्डों को मुफ्त इलेक्ट्रिक हीटर मिलेंगे
सर्दियों में धुआं और प्रदूषण का एक बड़ा कारण बायोमास (लकड़ी या कचरा) जलाना भी है। इसे रोकने के लिए सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है। रात में काम करने वाले सिक्योरिटी गार्डों और अन्य स्टाफ को ठंड से बचाने के लिए 3,500 इलेक्ट्रिक हीटर मुफ्त में बांटे जा रहे हैं ताकि उन्हें गर्मी के लिए कचरा जलाने पर मजबूर न होना पड़े, जिससे हवा की क्वालिटी बनाए रखने में मदद मिलेगी।

इस बीच, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक बसों के अपने बेड़े का विस्तार कर रही है। फिलहाल, दिल्ली की सड़कों पर 3,427 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। सरकार दिसंबर 2026 तक 7,000 और नई इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना बना रही है। एक बार यह लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद, दिल्ली में ई-बसों की संख्या 10,000 से ज़्यादा हो जाएगी, जिससे गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी आने की उम्मीद है।