बूढ़ों का सहारा, दिव्यांगों की ताकत बनेगा ये EV स्कूटर, चलाते वक्त जमीन पर नहीं रखना होगा पैर
ऑटो न्यूज़ डेस्क, ऑटो एक्सपो 2023 में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ आने वाले वाहन देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच एक्सपो में एक ऐसा स्कूटर देखने को मिला है, जो बुजुर्गों का सहारा और दिव्यांगों की ताकत बनेगा। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को चलाते समय आपको जमीन पर पैर नहीं रखना पड़ेगा। इसे बैलेंस करने के लिए आपको कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी, हां यह स्कूटर ऑटो बैलेंसिंग तकनीक के साथ आएगा। आज के समय में एक से बढ़कर एक शानदार स्कूटर देखे जा सकते हैं। लेकिन इनमें बुजुर्गों और विकलांगों के लिए बहुत कम वाहन आते हैं। ऐसे में इन दोनों के लिए ही यह ऑटो बैलेंसिंग स्कूटर काफी कारगर साबित हो सकता है।
पहला ऑटो बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर लिगर एक्स
अक्सर देखा जाता है कि स्कूटर को बैलेंस करना या रोकना बूढ़े और विकलांगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो देखने को मिल जाते हैं, जिनमें स्कूटर के हैंडल नहीं हो पाने के कारण हादसे होते रहते हैं। ऐसे में अच्छा होगा कि इन लोगों को स्कूटर को बैलेंस न करना पड़े और शानदार राइड का अनुभव भी मिले।ऐसे में यह बुजुर्गों और विकलांगों के लिए एक बेहतरीन ऑफर साबित हो सकता है। मुंबई बेस्ड स्टार्टअप Liger Mobility कंपनी ने इस ऑटो एक्सपो में दुनिया का पहला ऑटो-बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर Liger X पेश किया है। यह स्कूटर पूरी तरह से मेड इन इंडिया है और बहुत जल्द इसे बिक्री के लिए लॉन्च किया जाएगा।
ऑटो-बैलेंसिंग टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है
कंपनी इस स्कूटर और तकनीक पर पिछले 6 साल से काम कर रही है। इस स्कूटर में ऑटो बैलेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई आधारित तकनीक है। यह तकनीक भौतिकी के जाइरोस्कोपिक सिद्धांत पर काम करती है। इससे स्कूटर सेंसर की मदद से अपनी जगह पर स्थिर रहता है। इसमें दिए गए सेंसर स्कूटर के आसपास का सारा डेटा कलेक्ट कर लेते हैं और एआई इसे प्रोसेस कर देता है।
स्कूटर को स्टैंड की जरूरत पड़ेगी या नहीं?
अब ज्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि इस अपकमिंग स्कूटर में साइड स्टैंड दिया जाएगा या फिर आपको बता दें कि यह ऑटो-बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर साइड स्टैंड के साथ आएगा। कंपनी ने बताया है कि इस स्कूटर में ऑटो बैलेंसिंग तकनीक स्लो-स्पीड के लिए है. तेज रफ्तार में होने पर स्कूटर खुद बैलेंस हो जाता है। लेकिन यह तकनीक तभी काम करती है जब स्कूटर चालू हो और उसके सेंसर भी सक्रिय हों। अगर स्कूटर बंद है तो उसे खड़ा रखने के लिए साइड या मेन स्टैंड की जरूरत पड़ेगी।
इसलिए यह वृद्धों और विकलांगों के लिए लाभकारी है
अक्सर देखा जाता है कि सड़क पर स्कूटर चलाते समय धीमी-धीमी या उबड़-खाबड़ सड़कों पर स्कूटर को बैलेंस करने में बूढ़े और विकलांग लोगों को दिक्कत होती है या यूँ कहें कि स्कूटी को रोकने के लिए पैरों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में यह सफर उनके लिए जोखिम भरा और थकाने वाला हो जाता है। इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए अब वृद्धों और विकलांगों को बार-बार सड़क पर पैर नहीं रखने पड़ेंगे।