×

वोक्सवैगन :भारत में डीजल वाहनों को आधुनिक या अन्य ईंधन से बदला जाए

 

जर्मन ऑटो निर्माता वोक्सवैगन (वीडब्ल्यू) भारत ने डीजल वाहन खंड से बाहर निकलने का फैसला किया है, हालांकि अपनी नई भारत 2.0 रणनीति के हिस्से के रूप में यह भारतीय सड़कों के लिए एसयूवी पर दांव लगाना जारी रखेगा।वोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के निदेशक स्टीफन कन्नप के अनुसार, डीजल बीएस- VI वाहनों की कीमत में तेज वृद्धि के कारण भारतीय यात्री वाहन बाजार में डीजल वाहनों की गिरती हिस्सेदारी से डीजल की इस रणनीति को काफी बढ़ावा भी मिला है। विश्व स्तर पर volkswagen ने अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों में डीजल के उत्सर्जन और गड़बड़ी के मामले से कारण भारी भुगतान किया है।

volkswagen ने पहले से ही कटौती कर दी है और अभी मौजूदा मॉडल पोलो, वेंटो और नए लॉन्च किए गए टी-रोको और टिगुआन ऑलस्पेस एसयूवी में डीजल का विकल्प नहीं दिया गया है । भारत 2.0 की रणनीति के भाग के रूप में दो नए मॉडल भी देखे गए हैं जो की टैगुन एसयूवी और वेंटो है। इन दोनों उत्पादों को केवल TSI पेट्रोल इंजन के साथ और गैसोलीन के साथ ही इस्तेमाल में लिया जा सकता है।

नो-डीज़ल की सोच पर volkswagen का कहना है की, “यह पेट्रोल व अन्य आधुनिक ईंधन पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति अपना रहा है। भारत में डीजल वाहनों की गिरती हिस्सेदारी को देखा जाए तो 2017 में से भारत के यात्री वाहन की बिक्री में डीजल की हिस्सेदारी लगभग 39% ही हुआ करती थी जो की पिछले साल 35% पर ही थी और जून में यह 23% तक गिर गई है ।बीएस- VI डीजल के कारण उच्च लागत मूल्य खर्च करवाते है, इसलिए फोल्क्सवेगन अपने टीएसआई इंजन रेंज के साथ ईंधन कुशल पेट्रोल पर ध्यान केंद्रित कर रही है ।

इस्तेमाल की गई कार के बिक्री बाजार में भी पेट्रोल कारें की तेजी से बिक्री हो रही हैं। आज हमें इस्तेमाल किए गए पेट्रोल वाहन को बेचने में लगभग 15 दिन लगते हैं और इस्तेमाल किए गए डीजल के लिए 30 दिन का समय लगता हैं। कंपनी की अगले साल स्थानीयकरण के स्तर को 81% से बढ़ाकर 93% करने की योजना है ।