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5 सीट, 350 km/hr की रफ्तार, 200 km रेंज....UAE और चीन के बीच फ्लाइंग टैक्सी की डील पक्की

 

चीन ने इलेक्ट्रिक और एरियल तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने चीन की ई20 फ्लाइंग टैक्सियों के लिए 1 अरब डॉलर का सौदा किया है, जिसमें 350 टैक्सियाँ शामिल हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) ऑर्डर है। ये टैक्सियाँ 5-सीटर हैं और 320 किमी/घंटा की गति से उड़ान भर सकती हैं। इनकी रेंज 200 किमी है। यह सौदा चीन के इलेक्ट्रिक एविएशन सेक्टर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

सीटें: 5 लोग (1 पायलट और 4 यात्री)।
गति: अधिकतम 320 किमी/घंटा।
रेंज: 200 किमी तक उड़ान।
वज़न: हल्का और पर्यावरण के लिए सुरक्षित।
डिज़ाइन: टिल्ट-रोटर तकनीक, जो इसे हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज का मिश्रण बनाती है।
यह टैक्सी शोर कम करती है। प्रदूषण भी कम करती है, जो इसे शहरों के लिए आदर्श बनाता है।

यूएई और चीन सौदा
यह सौदा पिछले साल चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो में शुरू हुई साझेदारी का नतीजा है। यूएई की कंपनी ऑटोक्राफ्ट ने 350 E20 टैक्सियों के लिए टीकैब टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पहली डिलीवरी चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAAC) से उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही होगी। यह समझौता मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में कम ऊँचाई वाले पर्यटन और शहरी हवाई गतिशीलता के लिए होगा।

चीन के लिए यह क्यों खास है?
चीन ने अपने 'कम ऊँचाई वाली अर्थव्यवस्था' कार्यक्रम के तहत इस तकनीक को बढ़ावा दिया है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक 1 लाख ड्रोन और eVTOL विमान उड़ाना है। E20 समझौता दर्शाता है कि चीन की तकनीक अंतरराष्ट्रीय बाजार में विश्वास जीत रही है। इसके पीछे चीन की सस्ती विमानन और बैटरी आपूर्ति श्रृंखला है, जो इसे यूरोप और अमेरिका से सस्ता बनाती है।

यूएई को क्या लाभ होगा?
पर्यटन: दुबई और अबू धाबी में हवाई पर्यटन को एक नया रूप मिलेगा।
शहरी यातायात: भीड़भाड़ से बचने के लिए एयर टैक्सी सेवा शुरू की जा सकती है।
आर्थिक विकास: इस समझौते से यूएई की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार सृजित होंगे।

चुनौतियाँ और भविष्य

इस तकनीक को लागू करने में रेगिस्तानी मौसम, नियामक मंज़ूरियाँ और बुनियादी ढाँचे की ज़रूरतें चुनौतियाँ हैं। फिर भी, टीकैब टेक्नोलॉजी अबू धाबी से शुरुआत करके आसपास के शहरों में विस्तार करने की योजना बना रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सौदा चीन को इलेक्ट्रिक विमानन में दुनिया का अग्रणी बना सकता है।