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Gopashtami vrat: कब मनाई जाएगी गोपाष्टमी, जानिए गायों की पूजा का महत्व

 

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस साल यह पर्व 22 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन गायों की पूजा की जाती हैं यह पर्व गायों को ही समर्पित होता हैं गोपाष्टमी के दिन लोग गायों के प्रति कृतिज्ञता और सम्मान दर्शाते हैं गायों को जीवन देने वाला कहा गया हैं इन्हें गौ माता भी कहते हैं। इनकी पूजा ठीक उसी तरह की जाती हैं जिस तरह किसी देवी की पूजा की जाती हैं तो आज हम आपको गोपाष्टमी का महत्व बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

जानिए गोपाष्टमी शुभ मुहूर्त—

गोपाष्टमी 22 नवंबर 2020

गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ— 21 नवंबर, शनिवार, रात 21 बजकर 48 मिनट से

गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ— 22 नवंबर, रविवार रात 22 बजकर 51 मिनट तक

हिंदू धर्म में गायों को विशेष महत्व दिया जाता हैं इनकी पूजा देवी देवताओं की तरह ही की जाती हैं कथाओं के मुताबिक मान्यता है कि एक गाय के अंदर कई देवी देवताओं निवास करते हैं ऐसे में गाय की पूजा करना बहुत जरूरी होता हैं साथ ही इसका महत्व भी अधिक होता हैं गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी भी माना जाता हैं। मान्यता है कि जो लोग गोपाष्टमी की पूर्व संध्या पर गाय की विधिवत पूजा करते हैं उन्हें सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। साथ ही अच्छे भाग्य का आशीर्वाद भी मिलता हैं गोपाष्टमी के दिन पूजा करने वाले लोगों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। गोपाष्टमी का पर्व बछड़े और गायों की एक साथ पूजा व प्रार्थना करने का दिन होता हैं।