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Vastu tips: कन्या पूजन के दौरान रखें दिशाओं का ध्यान, माता रानी करेंगी कल्याण

 

हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार को बहुत ही खास माना जाता हैं यह पर्व पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं आज नवरात्रि का आठवां दिन हैं इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की आराधना व पूजा होती हैं मां का आठवां रूप महागौरी का हैं नवरात्रि के इस पावन पर्व पर कन्या पूजन का खास महत्व होता हैं नौ दिनों में मां का अलग अलग रूपों में आह्वान के बाद अष्टमी या नवमी पर नौ कन्याओं का पूजन किया जाता हैं। ऐसे में वास्तुशास्त्र के मुताबिक कन्या पूजन किस दिशा में बैठकर करें या प्रसाद बनाते वक्त आपका मुख किस दिशा में हो ये जानना बहुत ही जरूरी होता हैं तो आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता हैं 3 से 9 साल तक की आयु वाली कन्याओं और साथ ही एक लांगुरियां को खीर, पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाया जाता हैं। कन्याओं को मिलक करके हाथ में मौली बांधकर उन्हें उपहार में दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें फिर उन्हें विदा किया जाता हैं। वही कन्याओं को घर में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाएं और खुद पूर्व की दिशा में मुख करे पूजन करें। उत्तर दिशा में रखे हुए कलश के जल का छिड़काव परिवार के सदस्यों पर और पूरे घर में किया जाता हैं जिससे घर का हर स्थान पवित्र और शुद्ध हो जाए। माता रानी का प्रसाद बनाते समय भी आपका मुख पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए अष्टमी या नवमी तिथि पर श्री यंत्र की स्थापना घर के उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में करने से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता हैं।